यूरोपीय संघ पर भारत का दबाव बनाना काम आ गया। आखिर कोविशील्ड को मंजूरी न देने वाले संघ के सात देशों ने अपनी नीति में बदलाव किया है। इन सात देशों ने भारत में बनी कोविशील्ड को मंजूरी दे दी है। अब कोविशील्ड का टीका लेने वाले लोग संघ के सात देशों में यात्रा कर सकते हैं।
बता दें कि 30 जून को ईयू ने स्पष्ट कर दिया था कि वो तब तक कोविशील्ड और कौवैक्सीन टीका लगवाने के बाद मिले सर्टीफिकेट को मंजूरी नहीं देगा, जब तक भारत भी ईयू के डिजिटल कोविड सर्टिफिकेट को नहीं स्वीकार करेगा।
इन सात देशों ने दी मंजूरी
यूरोपीय संघ के जिन सात देशों में भारतीय वैक्सीन को मंजूरी दी गई है, उनमें ऑस्ट्रिया, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, स्लोवेनिया, ग्रीस, आइसलैंड, आयरलैंड और स्पेन शामिल हैं। बता दें कि कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेजेनेका ने विकसित किया है और इसे भारत की पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कोविशील्ड नाम से बना रहा है।
भारत ने कही थी ये बात
भारत ने संघ के 27 देशों से कहा था कि कोविशील्ड और कैवैक्सीन के टीके लगवा चुके भारतीयों को यूरोप की यात्रा करने की अनुमति देने पर वे अलग-अलग विचार करें। भारत ने ईयू के सदस्य देशों से अनुरोध किया है कि कोविन पोर्टल पर जारी प्रमाण पत्र को को वे स्वीकृति दें।
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पाबंदियों से मिलेगी छूट
बता दें कि यूरोपीय संघ के डिजिटल प्रमाणपत्र की रुपरेखा 1 जुलाई से प्रभाव में आ गई है। इसके तहत कोविड-19 महामारी के दौरान स्वतंत्र आवाजाही की अनुमति मिल गई है। अब उन लोगों को ईयू के अंदर यात्रा पर लगी पाबंदियों से छूट होगी, जिन्होंने यूरोपीय चिकित्सा एजेंसी द्वारा अधिकृत टीके लगवाएं हैं। अलग-अलग राष्ट्र सदस्यों को उन टीकों को स्वीकार करने की स्वतंत्रता है, जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर या विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अधिकृत किया गया है।
विदेश मंत्री ने की थी बात
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 29 जून को यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि, जोसेफ बोरेल फोंटेलेस के साथ बैठक के दौरान कोविशील्ड को ईयू के डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र योजना में शामिल करने की बात कही थी। यह बैठक इटली में जी20 की शिखरवार्ता से अलग हुई थी।