एंटीलिया और मनसुख हिरेन हत्या मामले में करोड़ों रुपए के आर्थिक व्यवहार किए जाने का खुलासा एनआईए ने किया है। मामले की जांच कर रही इस राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 1 जुलाई को विशेष न्यायालय में यह जानकारी दी।
एनआईए ने न्यायालय को बताया कि उसे 45 लाख रुपये का हिसाब मिला है और वह जानना चाहती है कि इस प्रकरण में और कितने लोगों को भुगतान किया गया। एनआईए ने मांग की कि इन सभी मामलों की जांच के लिए दोनों आरोपियों की एनआईए हिरासत बढ़ाई जाए। न्यायालय ने फिलहाल दोनों आरोपियों को 5 जुलाई तक के लिए रिमांड पर भेज दिया है।
स्वीकार किया अपराध
एंटीलिया और मनसुख हिरेन हत्याकांड में गिरफ्तार सतीश मोटेकर और मनीष सोनी को एनआईए ने 1 जुलाई को न्यायालय में पेश किया। एनआईए के अनुसार दोनों ने अपना अपराध कबूल कर लिया है और अब जांच एजेंसी अन्य आरोपियों के बारे में जानकारी प्राप्त कना चाहती है। न्यायालय में अपना पक्ष रखते हुए एनआईए ने इस प्रकरण में करोड़ों रुपए के लेनदेन का दावा किया।
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5 जुलाई तक बढ़ाई गई रिमांड
एनआईए ने न्यायालय को बताया कि न्यायिक हिरासत में भेजे गए पूर्व एनकाउंर स्पेशलिस्ट और पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा ने अन्य आरोपियों को सिम कार्ड उपलब्ध कराए थे। आरोपी सतीश मोटेकर के पास से 35,400 रुपये बरामद किए गए हैं। ये पैसे कहां से आए, किसने दिए, इसके बारे में जानाकारी नहीं मिल पाई है। हालांकि आरोपी के वकील ने कहा कि यह कोई बड़ी रकम नहीं है, इस पर एनआईए ने कहा कि पांच हजार के लिए हत्या कर दी जाती है।
आरोपी गए थे नेपाल
एनआईए ने न्यायालय को बताया कि मनसुख हिरेन की हत्या के बाद सतीश मोटेकर और मनीष सोनी नेपाल गए थे। फिलहाल न्यायालय ने मनीष सोनी और सतीश मोटेकर की एनआईए हिरासत 5 जुलाई तक बढ़ा दी है।