नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पिछले सात महीनों से प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत को फिर धमकी मिली है। फोन पर उन्हें गालियां दी गईं और जान से मारने की धमकी भी दी गई। जान का डर हर किसी को होता है। किसानों के हितों के लिए जान देने की बात करने वाले टिकैत फोन पर मिली धमकी से इतने घबरा गए कि उन्होंने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से अपनी सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर दी। यूपी सरकार ने भी उनकी गुहार सुनी और दो गनर उनकी सुरक्षा में और लगा दिए। अब उनकी सुरक्षा में तीन गनर तैनात हो गए हैं।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत पिछले सात महीनों से केंद्र के तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर अन्य किसान संगठनों के नेता-कार्यकर्ताओं के साथ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। टिकैत खुद अपने समर्थकों के साथ गाजीपुर बॉर्डर पर डंटे हुए हैं।
आंसुओं से आंदोलन को सींचा
बता दें कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में और विशेष कर लाल किले में हुई हिंसा के बाद पुलिस ने बॉर्डर खाली कराने की कोशिश की थी। उस समय राकेश टिकैत रोने लगे थे और कहा था कि वे किसानों के हित के लिए जान दे देंगे लेकिन बॉर्डर खाली नहीं करेंगे। इसके बाद किसान आंदोलन दोबारा खड़ा हो गया था, जो अब तक जारी है।
हाल ही में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं और प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच गाजीपुर बॉर्डर पर हिंसक झड़प हो गई थी।
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जान से मारने की धमकी
टिकैत का कहना है कि उन्हें फोन पर और वाट्सऐप पर गंदी-गंदी गालियां और जान से मारने की धमकी दी जा रही है। इस मामले में टिकैत ने कौशांबी पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया है। इससे पहले दिसंबर और अप्रैल में भी उन्होंने धमकी देने का आरोप लगाया था। उन मामलों में कुछ लोगों को पकड़ा भी गया था।