मुंबई पुलिस लंबे काल से किसी न किसी विवाद में फंसती रही है। अब घाटकोपर पुलिस का बड़ा प्रताप सामने आ रहा है जिसमें आरोप है की उसने 28 लाख रुपए इकट्ठा किये थे जिसमें से मात्र 7 लाख रूपए ही जमा किये हैं। इस विषय में पुलिस ने न्यायालयीन लिपिक के विरुद्ध प्रकरण भी दर्ज किया है।
पुलिस थानों के क्षेत्र में अनधिकृत फेरीवाले, मास्क न पहननेवालों पर कार्रवाई समेत कई प्रकरणों पर आर्थिक दंड वसूल किया जाता है। जिसके लिए पुलिस थाने में न्यायालयीन लिपिक जिम्मेदार होता है और वह उस रकम को न्यायालय में जमा कराता है। घाटकोपर में उपरोक्त कार्रवाइयों से 28 लाख रुपए इकट्ठा किये गए थे, जिसमें से न्यायालयीन लिपिक ने मात्र 7 लाख रुपए ही न्यायालय में जमा कराएं हैं।
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कौन देगा 28 लाख?
घाटकोपर पुलिस थाने में आठ महीने पहले न्यायालयीन लिपिक के पद पर नई नियुक्ति की गई थी। जिसके बाद पता चला कि उसके पहले के लिपिक के पास 28 लाख रुपए की गई रकम जमा थी। जिसमें से उसने मात्र 7 लाख रुपए ही न्यायालय में जमा कराए थे। उस लिपिक की किडनी की बीमारी के कारण मौत हो गई है, जिसको आठ महीने हो गए हैं। इसके बाद इस प्रकरण में मृत न्यायालयीन लिपिक पर प्रकरण दर्ज कराया गया है। इसकी जांच पुलिस निरिक्षक जितेंद्र आगरकर के पास है। लेकिन, अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि 21 लाख रुपए आखिर देगा कौन?