आपकी कोवैक्सीन है कितनी प्रभावी… ये है तीसरे चरण की कारगरता विश्लेषण

कोवैक्सीन का निर्माण आइसीएमआर, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और भारत बायोटेक ने निर्मित किया है।

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भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल की सुरक्षा और कारगरता विश्लेषण डेटा जारी किया है। सार्स सीओवी-2 को पूरी तरह से निष्क्रिय करने वाला यह टीका आईसीएमआर और एनआईवी पुणे के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है।

तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल में 130 सिम्प्टोमैटिक कोविड-19 मामलों का विश्लेषण किया गया है। यह विश्लेषण भारत भर में 25 स्थानों पर किया गया‚ जो कि इसकी दूसरी खुराक के कम से कम दो सप्ताह बाद किया गया था। कोवैक्सीन से लोगों में कोई खास दुष्प्रभाव सामने नहीं आए और डेटा सुरक्षा मॉनिटरिंग बोर्ड ने टीके से संबंधित किसी भी सुरक्षा संबंधी चिंता की सूचना नहीं दी है। कोवैक्सीन में देखे गये प्रतिकूल प्रभावों की समग्र दर अन्य कोविड-19 टीकों की तुलना में कम है। इसकी सुरक्षा प्रोफाइल अब इनऐक्टिवेटेड वैक्सीन की तकनीकी के आधार पर अच्छी तरह से स्थापित हो चुकी है, और भारत बायोटेक के वेरो सेल मैनुफैक्चरिंग प्लेटफार्म के व्यापक 20 साल के सुरक्षा ट्रैक रिकॉर्ड के कारण संभव हुआ है। कोवैक्सीन क्यूपीसीआर परीक्षण के आधार पर बिना लक्षण वाले संक्रमणों के खिलाफ आशाजनक प्रभावी पाया जाने वाला पहला टीका है जो रोग संचरण को कम करने में मदद करेगा।

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भारत बायोटेक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. कृष्णा एला ने कहा, भारत में अब तक के सबसे बड़े कोविड टीकों के परीक्षण के परिणामस्वरूप कोवैक्सीन की सफल सुरक्षा और कारगरता रीडआउट भारत और विकासशील देशों की नवाचारों और नए उत्पाद विकास की ओर ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को स्थापित करती है। हमें यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि भारत की ओर से किया गया नवाचार अब वैश्विक आबादी की सुरक्षा के लिए उपलब्ध होगा।
कोवैक्सीन को विशेष रूप से वैश्विक वितरण श्रृंखलाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है, जिनकी आवश्यकताएं निम्न और मध्यम आय वाले देशों में अधिक महत्वपूर्ण हैं। इसे इस तरह तैयार किया गया है कि इसे 2-8ºC तापमान पर कहीं ले जाना और लंबी अवधि तक भंडारण करना संभव होगा। इसमें मल्टी-डोज वाइअल पॉलिसी का भी पालन किया गया है, जिससे खुली शीशी से होने वाली बर्बादी कम हो जाती है, और खरीद एजेंसियों और सरकारों को समान रूप से पैसे की बचत होती है।

तीसरे चरण का विश्लेषण
सिम्प्टोमैटिक कोविड-19 के खिलाफ 77.8% प्रभावी
गंभीर सिम्प्टोमैटिक कोविड-19 के खिलाफ 93.4% प्रभावी

सुरक्षा विश्लेषण
12% लोगों में सामान्य दुष्प्रभाव
0.5% से कम लोगों में गंभीर दुष्प्रभाव

कारगरता डेटा
एसिम्प्टोमैटिक कोविड-19 के खिलाफ 63.6% सुरक्षा प्रदान करता है
बी.1.617.2 डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 65.2% सुरक्षा प्रदान करता है

स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिव और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेशक प्रो.डॉ. बलराम भार्गव ने कहा,
मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि एक प्रभावी सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत आईसीएमआर और बीबीआईएल द्वारा विकसित कोवैक्सीन ने भारत के अब तक के सबसे बड़े कोविड चरण 3 क्लिनिकल परीक्षण में 77.8% की कारगरता का समग्र प्रदर्शन किया है। आईसीएमआर और बीबीआईएल के हमारे वैज्ञानिकों ने उच्चतम अंतरराष्ट्रीय मानकों का वास्तव में प्रभावी टीका देने के लिए अथक प्रयास किया है। कोवैक्सीन से न केवल भारतीय नागरिकों को लाभ होगा, बल्कि यह दुनिया भर के लोगों को घातक सार्स-सीओवी-2 वायरस से बचाने में भी बहुत योगदान देगा। मुझे यह देखकर भी खुशी हो रही है कि यह सभी वैरिएंट स्ट्रेनों के खिलाफ अच्छा काम करता है। कोवैक्सीन के सफल विकास ने वैश्विक क्षेत्र में भारतीय शिक्षा और उद्योग की स्थिति को मजबूत किया है।

बच्चों के लिए टीके पर जारी है क्लिनिकल ट्रायल
कोवैक्सीन के निरंतर सुधार के लिए भारत बायोटेक की प्रतिबद्धता 2-18 वर्ष की आयु के बच्चों में सुरक्षा और कारगरता स्थापित करने के लिए अतिरिक्त क्लिनिकल ट्रायल के साथ जारी है। बूस्टर खुराक की सुरक्षा और प्रतिरक्षण क्षमता को निर्धारित करने के लिए एक क्लिनिकल ट्रायल भी प्रक्रिया में है। चिंताजनक वैरिएंट का अध्ययन करने और फौलो अप बूस्टर खुराक के लिए उनकी उपयुक्तता का आकलन करने के लिए कई शोध गतिविधियां की जा रही हैं।

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इन पर है कारगर
कोवैक्सीन का बी.1.617.2 (डेल्टा), बी.1.617.1 (कप्पा), बी.1.1.7 (अल्फा), बी.1.351 (बीटा), पी2- B.1.1.28 (गामा) जैसे कई प्रकार के चिंताजनक वैरिएंट के खिलाफ एंटीबॉडी प्रतिक्रियाओं को बेअसर करके मूल्यांकन किया गया है। इन अध्ययनों के डेटा को बड़े पैमाने पर पीयर रिव्यूड जर्नलों में प्रकाशित किया गया है और यह पब्लिक डोमेन में समीक्षा के लिए भी उपलब्ध है।

यहां मिली उपयोग की अनुमति
कोवैक्सीन को अब 16 देशों में आपातकालीन उपयोग की आधिकारिक अनुमति मिल चुकी है, जिनमें ब्राजील, भारत, फिलीपींस, ईरान, मैक्सिको आदि शामिल हैं और दुनिया भर के 50 देशों में और यूरोपियन यूनियन में प्रक्रिया में है। कंपनी कोवैक्सीन के लिए आपातकालीन उपयोग सूची में जगह बनाने के लिए डब्ल्युएचओ के साथ बातकर रही है। उत्पाद को कई देशों में निर्यात किया गया है और इसकी आपूर्ति के लिए और भी अनुरोध आ रहे हैं।

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