महाराष्ट्र में एक बार फिर राजनैतिक समीकरण बदलने के संकेत मिल रहे हैं। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने 4 जुलाई को इस तरह के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी और पूर्व सहयोगी शिवसेना दुश्मन नहीं हैं। हालांकि हमारे बीच कुछ मुद्दों पर मतभेद जरुर है, लेकिन राजनीति में कोई किंतु-परंतु नहीं होता।
फडणवीस ने एक सवाल के जवाब में कहा कि स्थिति के आधार पर उचित निर्णय लिया जाएगा। उनसे पूछा गया था कि क्या भाजपा शिवसेना फिर से एक साथ आ सकती हैं?
महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज
फडणवीस के जवाब से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मच गई है। राजनीति के गलियारों में उन अटकलों को बल मिलता दिख रहा है, जिनमें कहा जा रहा था कि ये दोनों पार्टियां एक बार फिर साथ आ सकती हैं। पिछले कुछ समय से इस तरह के संकेत मिल रहे हैं।
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फडणवीस ने यह कहा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ उनकी हाल की बैठक और भाजपा शिवसेना के फिर से साथ आने की संभावना पर फडणवीस ने कहा कि राजनीति में कोई किंतु परंतु नहीं होता है। परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लिए जाते हैं। वे महाराष्ट्र मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दे रहे थे। फडणवीस ने कहा कि हमारे दोस्त ने हमारे साथ मिलकर 2019 का विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन चुनाव के बाद उन्होंने उन्हीं लोगों से हाथ मिला लिया, जिनके खिलाफ हमने चुनाव लड़ा था।