ओबीसी समाज के राजनीतिक आरक्षण के मुद्दे पर विधान सभा अध्यक्ष के चेंबर में तालिका सभापति और विपक्ष के विधायक के बीच धक्कमुक्की की स्थिति बन गई। राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर जो प्रस्ताव लाया था उसका समर्थन भारतीय जनता पार्टी ने किया है। परंतु, केंद्र सरकार से इम्पिरिकल डेटा मांगने का तीव्र विरोध किया है।
इस बीच सरकार और विपक्ष के बीच जंग की स्थिति बन गई। सदन में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने इस मुद्दे पर सरकार के प्रस्ताव को समर्थन देने की घोषणा की लेकिन, उसके साथ ही केंद्र सरकार से इम्पिरिकल डेटा मांगने का विरोध किया। उन्होंने इस पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए इम्पीरिकल डेटा मांगने को समय व्यतीत करने का साधन करार दिया। जबकि सरकार के मंत्री छगन भुजबल ने इस मुद्दे पर उत्तर देते हुए फडणवीस ने अपनी सरकार के शासनकाल में क्या किया था इसका चिट्ठा खोल दिया। जिस पर विपक्ष के विधायक रोष में आ गए। भाजपा विधायक गिरिश महाजन और संजय कुटे विधानसभा अद्यक्ष के आसन तक पहुंच गए और माइक को घुमा दिया।
ये भी पढ़ें – महाराष्ट्र में युति सरकार की वापसी पर संजय राउत का बड़ा बयान! कही ये बात
चेंबर में भी गरमागरमी
सदन में वातावरण गरमाने के बाद तालिका अध्यक्ष भास्कर जाधव ने कार्यवाही को दस मिनट के लिए स्थगित कर दिया। इसके बाद विपक्ष के नेता विधान सभा अध्यक्ष के चेंबर में अपनी बात लेकर पहुंचे। परंतु, वहां भी तालिका अध्यक्ष भास्कर जाधव और भारतीय जनता पार्टी के विधायक संजय कुटे के बीच गरमागरमी हो गई। जिसमें बीचबचाव वहां उपस्थित नेताओं ने किया।
इसलिए भाजपा ने कहा समय पास कर रही सरकार
नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि, राज्य सरकार जिस इम्पीरिकल डेटा की मांग केंद्र सरकार से कर रही है वह मात्र समय व्यतीत करने की राह है। क्योंकि, 2011 के इम्पीरिकल डेटा में कुल 8 करोड़ त्रुटियां सामने आई थीं, जिसमें से महाराष्ट्र से ही 69 लाख त्रुटियां हैं। इस परिस्थिति में त्रटिपूर्ण डेटा कैसे दिया जा सकता है। इसके लिए राज्य सरकार को स्वतंत्र आयोग का गठन करके इम्पीरिकल डेटा तैयार करना चाहिए।