प्रवर्तन निदेशालय ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे के दामाद गिरीश चौधरी को गिरफ्तार किया है। उन्हें पुणे के पास स्थित भोसरी जमीन सौदा मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में 7 जुलाई को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले 6 जुलाई को उन्हें पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय में बुलाया गया था। पूछताछ कई घंटे चली थी।
गिरीश चौधरी से पूछताछ के समय उनके द्वारा लाए गए दस्तावेजों की भी जांच की गई थी। उसके बाद 7 जुलाई की सुबह ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही इसी मामले में एकनाथ गायकवाड को भी ईडी ने समन भेजकर उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
खडसे ने खटखटाया था न्यायालय का दरवाजा
ईडी ने इससे पहले जनवरी 2021 में भारतीयत जनता पार्टी से शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए एकनाथ खडसे से पुणे के पास भोसरी स्थित एमआईडीसी जमीन सौदा मामले में पूछताछ की थी। इससे पहले दिसंबर 2020 में खडसे को ईडी ने नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए कार्यालय में उपस्थित होने को कहा था। बाद में एकनाथ खडसे ने अपनी सुरक्षा की मांग करते हुए बॉम्बे उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि ईडी ने भाजपा से राकांपा में जाने के कारण राजनीति से प्रेरित होकर यह कार्रवाई की है। उस समय ईडी ने बताया था कि एकनाथ खडसे मामले में आरोपी नहीं हैं, लेकिन पेश न होना गिरफ्तारी का आधार बन सकता है।
यह है मामला
महाराष्ट्र पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 2017 में एकनाथ खडसे, उनकी पत्नी मंदाकिनी, दामाद गिरीश चौधरी और मूल भूमि मालिक अब्बास अकानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। यह मामला खडसे और दूसरों के पुणे के एमआईडीसी में भूखंड खरीदी से संबंधित कथित अनियमितताओं से जुड़ा था।
हेमंत गावंडे के आरोप पर मामला दर्ज
यह मामला हेमंत गावंडे नाम के व्यक्ति द्वारा लगाए गए आरोपों पर दर्ज किया गया था। गावंडे ने आरोप लगाया था कि खडसे ने भोसरी एमआईडीसी भूमि सौदा मामले में सरकारी खजाने को करोड़ों का चूना लगाया है। इस मामले में 2018 में एसीबी ने 22 पेज की एक रिपोर्ट के साथ खडसे को क्लीन चिट दे दी थी। अब एक बार उसी मामले में ईडी ने पूछताछ के बाद एकनाथ खडसे के दामाद गिरीश चौधरी को गिरफ्तार किया है।