भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या को डिजिटल सिटी बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए जा रहे हैं। इसके लिए आधुनिकतम तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इसी क्रम में नगर निगम क्षेत्र के सभी भवनों का डिजिटल डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। इसके लिए देश में पहली बार जियोग्राफिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है। सेटेलाइट से प्राप्त नगर निगम क्षेत्र के मानचित्र की मदद से भवनों का डोर-टू-डोर जीआईएस सर्वे प्रारंभ किया गया है। इस सर्वे के बाद भवनों का डिजिटल डाटा नगर निगम के पास उपलब्ध रहेगा।
प्रत्येक घर को मिलेगा यूनिक नंबर
योजना के अनुसार प्रत्येक घर को यूनिक नंबर उपलब्ध कराया जाएगा। यह यूनिक नंबर पुराने नंबर से अलग होगा। जीआइएस सर्वे के बाद मिले यूनिक नंबर के जरिए हाउस टैक्स और नगर निगम से जुड़ी भवन संबंधित अन्य जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी। इससे उन भवनों का डाटा भी नगर निगम को मिल जाएगा, जो अभी तक रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है।
ये होगा लाभ
इससे भवन के लोकेशन की जानकारी प्राप्त करने में आसानी होगी। जीआइएस सर्वे के बाद नगर निगम क्षेत्र के प्रत्येक भवन मालिक को हाउस टैक्स अदा करना जरुरी होगा। इसके साथ ही हाउस टैक्स में की जा रही गड़बड़ी पर भी रोक लगाई जा सकेगी।
जुलाई के अंतिम सप्ताह तक समाप्त होगा सर्वे का काम
इस बारे में कर निर्धारण अधिकारी सुदर्शन चंद्रा ने बताया कि नगर आयुक्त विशाल सिंह ने सर्वे कर रही संस्था जीआइएस सल्यूशन टेक्नोलॉजी को जुलाई के अंत तक कार्य समाप्त करने का निर्देश दिया है। फैजाबाद जोन के 45 वार्ड में से 16 वार्डों का सर्वे पूरा कर लिया गया है। सभी 60 वार्डों में इस तरह का सर्वे किया जाएगा। सर्वे कर रही संस्था के प्रबंधक सुनील मिश्र बताते हैं कि जीआइएस एक भू-विज्ञान सूचना प्रणाली है। यह संरचनात्मक डाटाबेस पर आधारित है, जो भौगोलिक सूचनाओं के आधार पर जानकारी उपब्ध कराती है। इस सिस्टम से भवन की तस्वीर समेत शहर का पूरा डिजिटल ब्योरा तैयार किया जाएगा।