देश में कोरोना से मची तबाही पर नियंत्रण के लिए लागू लॉकडाउन के कारण लोगों के काम-धंधे बंद थे। इसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने देश के फेरीवालों के लिए प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर निधि के अंतर्गत एक योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत फेरीवालों को 10 हजार रुपए कर्ज दिया जाना था। इस योजना को मुंबई महानगरपालिका ने बंद तो नहीं किया है, लेकिन 13 अक्टूबर 2020 से पोर्टल पर आवेदन स्वीकारना बंद कर दिया है। इसके साथ ही इस योजना के तहत 21,442 प्राप्त आवेदनों में से मात्र 4,498 आवेदकों को कर्ज दिया गया है, जबकि सभी आवेदकों को कर्ज दिए जाने की उम्मीद थी।
21, 442 आवेदन प्राप्त
केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर निधि योजना के तहत फेरीवालों को 10 हजार रुपये कर्ज देने की घोषणा की गई थी। केंद्र की इस योजना को राज्य सरकार के माध्यम से स्थानीय प्रशासन द्वारा लागू किया जाना था। यह योजना 24 मार्च 2020 और उससे पहले से शहरों में सड़कों के आसपास व्यवसाय करने वालों के लिए लागू की गई है। हालांकि 16 फरवरी 2021 तक मुंबई में प्रधानमंत्री के स्वनिधि पोर्टल पर 21 हजार 442 फेरीवालों ने आवेदन किए थे। लेकिन, 13 अक्टूबर 2020 से बीएमसी की ओर से इस योजना के तहत आवेदन करने पर रोक लगा दी गई है।
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फेरीवालों के साथ अन्यायः शेलार
भाजपा विधायक आशीष शेलार ने मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल से इस योजना के बारे में जानकारी मांगी थी। उसके बाद यह जानकारी प्राप्त हुई है। अब शेलार ने मनपा से सवाल पूछा है कि आखिर प्रशासन ने इस योजना को क्यों बंद किया? उन्होंने इस योजना को यथाशीघ्र शुरू करने की मांग की है। शेलार ने कहा कि इस योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्थिक रुप से कमजोर फेरीवालों की मदद के लिए की थी। लेकिन इस योजना का लाभ फेरीवालों तक पहुंचने से पहले ही मुंबई महानगरपालिका ने बंद कर दिया है। इसके लिए भाजपा विधायक आशीष शेलार ने बीएमसी के साथ ही सत्तारुढ़ शिवसेना की भी आलोचना की है। उन्होंने इस योजना की समीक्षा कर फिर से शुरु करने की मांग की है।
समीक्षा कर लिया जाएगा निर्णयः बीएमसी आयुक्त
इस बारे में जानकारी देते हुए बीएमसी आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने कहा है कि आशीष शेलार की मांग पर अमल करते हुए योजना की समीक्षा कर इसे फिर से शुरू करने का निर्णय लिया जाएगा।