धर्मांतरण मामलाः क्या है अवैध मदरसों का राज? जानिये, इस खबर में

उत्तर प्रदेश और दिल्ली में धर्मांतरण मामले की जांच में अब नया खुलासा हुआ है। यूपी में बड़े पैमाने पर फर्जी मदरसे चलाए जा रहे हैं।

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उत्तर प्रदेश और दिल्ली में मूक-बधिर बच्चों के धर्मांतरण कराने का खुलासा होने के बाद इस मामले में हर दिन नए-नए मामलों का पर्दाफाश हो रहा है। इस मामले में गिरफ्तार किए गए मौलाना उमर गौतम और जहांगीर कासिम पूछताछ में हर दिन नई जानकारियां सामने आ रही हैं। अब तक एक हजार से ज्यादा लोगों के धर्मांतरण कराए जाने का पर्दाफाश होने के बाद अब एक नए मामले का खुालासा हुआ है। यूपी में कई फर्जी प्रमाण पत्र पर मदरसे चलाए जाने की जानकारी मिली है।

धर्मांतरण के मुख्य सूत्रधार उमर गौतम द्वारा संचालित मदरसों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के क्रम में दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद जिले में 8 ऐसे मदरसों का पता चला है, जो फर्जी प्रमाण पत्र पर संचालित किए जा रहे थे। यही नहीं, दो ऐसे मदरसों का भी पता चला है, जो बिना किसी प्रमाण पत्र के चलाए जा रहे थे। उनके पास कोई भी प्रमाण पत्र नहीं था।

होगी एफआईआर दर्ज
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने इन मदरसों पर कार्रवाई करने की दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इनके संचालकों को नोटिस भेजने के बाद एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। फर्जी प्रमाण पत्र की जांच-पड़ताल तेजी से की जा रही है। इसके साथ ही मौलाना उमर गौतम के मदरसों के बारे में भी जानकारी प्राप्त की जा रही है। बताया जा रहा है कि फर्जी मदरसों में मुस्लिम बच्चों को हिंदू धर्म को लेकर जहर घोलने का काम किया जाता था। उनके मन में वीडियो के माध्यम से बहुसंख्यक समाज के लोगों के प्रति नफरत भरी जाती थी।

30 से अधिक फर्जी मदरसों के संचालित होने की मिली जानकारी
इसके साथ ही उमर गौतम द्वारा संचालित मदरसों के बारे में जानकारी प्राप्त करने की कोशिश जारी है। बता दें कि उमर लोगों के धर्मांतरण के लिए दिल्ली में दावा सेंटर चलाता था। इस सेंटर में ही लोगों का धर्मांतरण किया जाता था। जांच एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि उमर गाजियाबाद में कई मदरसों को संचालित करता है। उसके बाद अल्पसंख्यक कल्याण विभाग हरकत में आ गया है। विभाग ने जिले के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के बारे में विशेष जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। विभाग को 30 से भी अधिक गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के संचालित होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद विभाग हरकत में आ गया और इन फर्जी मदरसों का खुलासा किया।

दस्तावेज जब्त कर जांच जारी
सवाल यह है कि इन मदरसों को संचालित करने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र कहां से और कैसे प्राप्त किए गए? इससे भी बड़ी बात यह है कि इन मदरसों के संचालित किए जाने का इरादा अभी तक पूरी तरह स्पष्ट नहीं हुआ है। फिलहाल विभाग ने इसकी जांच शुरू कर दी है। उनके प्रमाण पत्रों की कॉपी को अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया है। बताया जा रहा है इन मदरसों को चोरी-छिपे स्कूल बताकर संचालित किया जा रहा था।

कार्रवाई जारी रहेगीः अमृता सिंह
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अमृता सिंह का कहना है कि जिले में फर्जी मदरसों की तलाश की जा रही है। स्कूल के नाम से संचालित किए जा रहे इन मदरसों के खुलासे के बाद उन्हें नोटिस भेजा जाएगा। उसके बाद एफआईआर दर्ज कर संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अमृता सिंह ने कहा है कि इस तरह के फर्जी मदरसों के बारे में पता लगाने की कोशिश आगे भी जारी रहेगी।

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