कोरोना महामारी से अभी पूरी तरह राहत नहीं मिली है। इस बीच जीका वायरस के मरीज पाए जाने से सरकार की चिंता बढ़ गई है। फिलहाल जीका वायरस के 13 मामले सामने आए हैं। लेकिन अगर सावधानी नहीं बरती गई तो यह महामारी का रुप धारण कर सकता है। इनके सेंपल को पुणे एनआइवी में जांच के लिए भेजा गया है।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि राज्य में जीका वायरस के मरीज पाए गए हैं। प्रदेश की राजधानी तिरुअनंतपुरम के एक अस्पताल में जून महीने में एक 24 वर्षीय गर्भवती महिला में इसके लक्षण पाए गए थे। उसे बुखार, सिरदर्द और त्वचा पर चकत्ते की शिकायत थी। बाद में 19 नमूनों की जांच की गई, जिनमें 13 में जीका पॉजिटिव की पुष्टि हुई। फिलहाल उन सभी नमूनों को एनआइवी पुणे भेज दिया गया है।
सभी जिलों को किया सतर्क
स्वास्थ्य विभाग और जिला अधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एडीज प्रजाति के मच्छरों के नमूने एकत्र करवाने का काम प्रारंभ कर दिया है। इसके साथ ही प्रदेश के सभी जिलों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
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ब्राजील में मचाया था कोहराम
बता दें कि ब्राजील में 2015 में जीका वारसय तेजी से फैला था और 1600 से अधिक बच्चे विकृत पैदा हुए थे। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी( एनआइवी) पुणे ने पहली बार नवंबर 2018 में जीका वायरस को अलग करने में सफलता हासिल की थी। भारत में पहली बार जनवरी 2017 में जीका वायरस का केस पाया गया आया था। उसके बाद जुलाई 2017 में तमिलनाडु में भी इसके मरीज पाए गए थे।
ये हैं लक्षण
- बुखार, जोड़ों में दर्द और त्वचा पर लाल रंग के चकत्ते आना
- आंखों का लाल होना
- 7-8 दिनों तक रहता है प्रभाव
- गर्भवती महिलाओं को ज्यादा खतरा
- जन्म लेने वाले बच्चे अविकसित दिमाग के होते हैं