पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावडेकर को जल्द ही भारतीय जनता पार्टी के संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी। पार्टी से प्राप्त जानकारी के मुताबिक इन्हें संगठन में राष्ट्रीय महासचिव या उपाध्यक्ष का पद दिया जाएगा। इसके साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को उन राज्यों का प्रभार सौंपा जाएगा, जिन राज्यों में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं।
पीएम ने बताया हटाए जाने का कारण
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रिमंडल की बैठक में रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावडेकर आदि पूर्व मंत्रियों का जिक्र किया। पीएम ने कहा कि ऐसा नहीं है कि ये लोग काबिल और क्षमतावान नहीं हैं, बल्कि ये व्यवस्था के चलते हटे। पीएम ने कहा कि इनके मंत्रालयों का जिम्मा संभालने वाले मंत्री इनसे मिलें और इनके अनुभव का लाभ लें। बता दें कि रविशंकर प्रसाद का मंत्रालय जहां अश्विनी वैष्णव को दिया गया है, वहीं प्रकाश जावड़ेकर की जगह भूपेंद्र यादव को मंत्री बनाया गया है।
मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल
7 जुलाई को केंद्रीय मंत्रिमंडल में बड़ा उलटफेर हुआ है। संसद के मानसून सत्र से पहले हुए इस फेरबदल के बाद मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले नए मंत्रियों को कोरोना के चलते राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण कराया गया था। इससे पहले रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावडेकर समेत कुल 12 केंद्रीय मंत्रियों ने त्याग पत्र दे दिया था।
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इन मंत्रियों ने दिया त्याग पत्र
इस्तीफा देने वालों में रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावडेकर के साथ ही सदानंद गौड़ा, थावरचंद गहलोत, रमेश पोखरियाल निशंक, डॉ. हर्षवर्धन, संतोष गंगवार आदि शामिल हैं। रविशंकर प्रसाद के पास कानून मंत्रालय के साथ ही साथ सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भी था, वहीं जावडेकर के पास सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ ही पर्यावरण मंत्रालय की भी जिम्मेदारी थी।
नड्डा ने बुलाई बैठक
बता दें कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 11 जुलाई को राष्ट्रीय राजधानी में स्थित पार्टी कार्यालय में संगठन के राष्ट्रीय सचिवों की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर विस्तार से चर्चा की गई।