पिछले दो वर्षों से ईरान में फंसे पांच भारतीय नाविकों ने पीएम नरेंद्र मोदी से भारत वापस लाने की गुहार लगाई है। इसके साथ ही उन्होंने ऐसे फर्जी एजेंटो के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है, जो विदेशों में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी करते हैं।
इन राज्यों के रहिवासी हैं फंसे हुए नाविक
12 जुलाई को भारतीय विश्व मंच को इस बारे में जानकारी दी गई है। मंच के अध्यक्ष पुनित सिंह ने बताया कि मुझे चाबहार, सिस्तान और ब्लूचिस्तान प्रांत, ईरान में लगभग दो वर्षों से फंसे पांच भारतीय नाविकों से सहायता के लिए संबंधित और संकटपूर्ण संदेश प्राप्त हुए हैं। इन नागरिकों में से अनिकेत शाम येनपुरे(29), मंदार मिलिंद वर्लीकर(26) जहां महाराष्ट्र के रहने वाले हैं, वहीं नवीन सिंह(26) उत्तराखंड, प्रणव कुमार (22) बिहार और थमिजसेलवन रंगासामी( 30) तमिलनाडु के रहने वाले हैं।
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वीडियो जारी कर की मदद की मांंग
एक वीडियो जारी कर नाविकों ने कहा कि उन्हें 21 फरवरी को कथित रुप से ड्रग्स की तस्करी के आरोप मे ईरानी अधिकारियों ने होर्मुज जलडमरुमध्य से गिरफ्तार किया था। दूसरे नाविक ने कहा कि हम धोखाधड़ी के मामले में एक साल से ज्यादा समय से जेल में थे। 9 मार्च को न्यायालय द्वारा रिहा किए जाने के बावजूद ईरानी अधिकारियों ने हमारे पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज नहीं दिए हैं। हम बहुत ही कठिन समय से गुजर रहे हैं।
एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
उन्होंने वीडियो संदेश में कहा कि हमारी हालत बहुत ही खराब है। इन एजेंटों के जाल में फंसकर हम नारकीय जीवन जी रहे हैं। हम भारत सरकार से उन एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग करते हैं ताकि वे और किसी को अपना शिकार न बना सकें।