भारत के हर प्रदेश में ज्यादा या कम हिंदी बोली-समझी जाती है। एक तरह से यह लिंक भाषा के रुप में विकसित हुई है। उत्तर भारतीय लोग अगर दक्षिण के प्रदेश में जाते हैं, तो वहां की भाषा को बोलना और समझना उनके लिए काफी कठिन होता है। इस स्थिति में हिंदी बोलकर ही उन्हें अपना काम चलाना पड़ता है। दक्षिण भारत में हिंदी भले ही कम बोली जाती है, लेकिन ज्यादातर लोग समझते हैं। इसी तरह देश के कई प्रदेशों का भी हाल है।
हिंदी को लेकर देश के लोगों में अलग-अलग विचार हो सकते हैं, लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि भारत में ज्यादातर हिंदी भाषी लोग रहते हैं। विश्व में हिंदी भाषा को भारत से ही जोड़कर देखा जाता है। सोशल मीडिया के आने से हिंदी को नई पहचान मिली है। अब युवा भी हिंदी में अपनी बात रखने लगे हैं।
फिजी
भले ही हिंदी को भारत से जोड़कर देखा जाता हो, लेकिन सच यह है कि ये विश्व के कई देशों में बोली और समझी जाती है। फिजी में तो हिंदी को ऑफिशियल भाषा का दर्जा दिया गया है। फिजी दक्षिण प्रशांत महासागर के मेलानेशिया में बसा एक द्वीप देश है। यहां हिंदी को फिजियन हिंदी या फिजियन हिंदुस्तानी भी कहा जाता है। यह भारत में बोली जाने वाली अवधी, भोजपुरी और अन्य बोलियों का मिश्रण है।
नेपाल
नेपाल भारत का पड़ोसी देश है और इस देश से भारत की रोटी-बेटी का संबंध है। इस स्थिति में यहां की ऑफिशियल भाषा तो नेपाली है लेकिन यहां मैथिली, भोजपुरी और हिंदी बोली-समझी जाती है।
त्रिनिनाद और टोबैगो
थाईलैंड और टोबैगो में अंग्रेजी ऑफिशियल भाषा है, लेकिन यहां स्पेनिश, फ्रेंच, हिंदी और भोजपुरी भी बोली जाती है।
बांग्लादेश
बांग्लादेश भारत का पड़ोसी राज्य है। यहां की ऑफिशियल भाषा बांग्ला है, लेकिन यहां अंग्रेजी के साथ ही हिंदी भी बोली जाती है। 1947 से पहले यह भारत का ही भाग था और बंटवारे के बाद यह भाग पाकिस्तान में चला गया था, लेकिन पाकिस्तान की सौतेलेपन से परेशान इस देश को भारत ने उससे अलग कराया। इसके लिए भारत ने पाकिस्तान से युद्ध लड़ा और उसे धूल चटाकर बांग्लादेश को स्वतंत्र देश बनने में मदद की।
सिंगापुर
सिंगापुर में माले और अंग्रेजी ऑफिशियल भाषा है। यहां तमिल, मेंड्रेन के साथ ही हिंदी भी खूब बोली जाती है।
साउथ अफ्रीका
साउथ अफ्रीका में अंग्रेजी और अफ्रीकन ऑफिशियल भाषा है। यहां अन्य कई क्षेत्रीय भाषाओं के साथ हिंदी भी बोली जाती है।
भारत में हिंदी
- 6 दिसंबर 1946 को स्वतंत्र भारत का संविधान तैयार करने के लिए कमेटी का गठन हुआ
- सच्चिदानंद सिन्हा संविधान सभा के अंतरिम अध्यक्ष बनाए गए।
- बाद में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को इसका अध्यक्ष बनाया गया।
- डॉ. भीमराव आंबेडकर संविधान सभा की ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरमैन थे।
- संविधान में विभिन्न नियम-कानून के अलावा नए राष्ट्र के आधिकारिक भाषा का मुद्दा भी महत्वपूर्ण था।
- भारत में कई बोलियां और भाषाएं बोली जाती थीं।
- काफी सोच-विचार के बाद हिंदी और अंग्रेजी को नए राष्ट्र की आधिकारिक भाषा चुना गया।
- 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने देवनागरी लिपि हिंदी को अंग्रेजी के साथ राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के रुप में स्वीकार किया।
- बाद में जवाहरलाल नेहरु सरकार ने इस ऐतिहासिक दिन के महत्व को देखते हुए हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रुप में मनाने की घोषणा की।
- पहला आधिकारिक हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया।