महाराष्ट्र में नवंबर 2019 में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस की सरकार के गठन के बाद भारतीय जनता पार्टी विपक्ष में बैठने को मजबूर हो गई। तब से शिवसेना और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। भाजपा का आरोप है कि शिवसेना ने सत्ता सुख के लिए अपनी पार्टी के हिंदुत्व की विचारधारा को तिलांजली दे दी है।
इस बीच शिवसेना की उपनेता और विधान परिषद की उपाध्यक्ष डॉ. नीलम गोर्हे ने बौद्धिक अहंकार का आरोप लगाते हुए भाजपा की कड़ी आलोचना की है। हिंदुस्थान पोस्ट को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में डॉ. गोर्हे ने इस मुद्दे पर भाजपा को आड़े हाथों लिया।
शिवसेना ने नहीं छोड़ा है हिंदुत्व का मुद्दा
नीलम गोर्हे से जब हिंदुत्व पर शिवसेना की कथित रुप से हो रही आलोचना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमारा हिंदुत्व पहले की तरह ही ज्ञानवर्धक हिंदुत्व है। कुछ लोगों ने नहीं सोचा था कि कांग्रेस और राकांपा के साथ जाकर भी शिवसेना अपनी विचारधारा को बरकार रख सकेगी। इसलिए वे झूठा प्रचार कर रहे हैं कि हमारी पार्टी ने हिंदुत्व के मुद्दे को छोड़ दिया है।
भाजपा को दिया करारा जवाब
डॉ. नीलम गोर्हे ने हिंदुत्व पर शिवसेना की आलोचना करने वाली भाजपा को करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वे भूल गए कि अमरावती, जलगांव महानगपालिका में भाजपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था। यहां तक कि भाजपा ने कुछ स्थानीय निकायों के चुनावों में भी अन्य पार्टियों से गुप्त गठबंधन किया था। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जो कभी सोचा भी नहीं था, वैसा होने पर वह सदमे में है। वह उस सदमे से अभी तक उबर नहीं पाई है। इसलिए भाजपा के नेता कुछ भी बोल रहे हैं। वे इस तरह की बयानबाजी बदला लेने की भावना से कर रहे हैं।
भाजपा की नीति की आलोचना
डॉ. गोर्हे ने कहा कि भाजपा की नीति हमेशा से क्षेत्रीय पार्टियों को साइडलाइन करने की रही है। इसलिए अब वह प्रचार कर रही है कि शिवसेना गुंडों की पार्टी है। उन्होंने भाजपा की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि शिवसेना भाजपा की चाल को अच्छी तरह समझती है। डॉ. गोर्हे ने कहा कि शिवसेना ने आज भी अपनी राजनैतिक भूमिका और हिंदुत्व के मुद्दे को नहीं छोड़ा है।