महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने 18 जुलाई को बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके पुश्तैनी घर पर छापा मारा। ईडी ने उनके द्वारा 100 करोड़ रुपए की वसूली करने के पुलिस को टारगेट देने के मामले में यह कार्रवाई की। इस दौरान नागपुर जिले के वधविहिरा और कटोला क्षेत्र में स्थित उनके घरों पर ईडी ने छापेमारी कर तलाशी ली।
कुछ दिन पहले भी ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के केस में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता देशमुख की 4.20 करोड़ रुपए की संपत्ति को अपने कब्जे में ले लिया था।
छापेमारी के दौरान सीआरपीएफ के जवान तैनात
18 जुलाई को ईडी के अधिकारी 6 सीआरपीएफ जवानों के साथ देशमुख के दोनों घरों पर पहुंचे और तलाशी अभियान शुरू कर दिया। सीआरपीएफ के जवान वहां सुरक्षा की दृष्टि से तैनात थे। बता दें कि 16 जुलाई को भी ईडी ने देशमुख के मुंबई में वर्ली स्थित एक फ्लैट के साथ ही उनकी कुछ और संपत्तियों को अपने कब्जे में ले लिया था। इसके साथ ही उनकी पत्नी आरती देशमुख को भी पूछताछ के लिए समन जारी किया है। मिली जानकारी के अनुसार छापेमारी के दौरान देशमुख और उनके परिवार के सदस्य घर पर मौजूद नहीं थे।
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यह है मामला
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर मुंबई पुलिस विभाग को 100 करोड़ रुपए की उगाही का टारगेट देने का आरोप लगाया था। उन्हें ये उगाही मुंबई के बारों,होटलों और भवन निर्माताओं तथा कंपनियों से करने का मौखिक आदेश दिया गया था। यह जिम्मेदारी मनसुख हिरेन की हत्या मामले में गिरफ्तार किए गए मुंबई पुलिस के पूर्व सहायक पुलिस अधिकारी सचिन वाझे को दी गई थी। वाझे ने करीब 5 करोड़ रुपए की वसूली कर देशमुख के पीए को देने का दावा किया था।