उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के एक निर्णय को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। बोर्ड ने अंग्रेजी के अपने पाठ्यक्रम से नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के साथ ही कई मशहूर रचनाकारों की रचनाओं को बाहर कर दिया है।
गुरुदेव नाम से मशहूर रवींद्रनाथ टैगोर की रचना हटाए जाने को लेकर पश्चिम बंगाल में बवाल मच गया है। तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने इसे टैगोर का अपमान बताते हुए यूपी बोर्ड के इस निर्णय का विरोध किया है।
यूपी बोर्ड की सफाई
यूपी बोर्ड ने स्पष्टीकरण दिया है कि उसने सोच-समझकर पाठ्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया है। यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने इस बारे में कहा कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में हमने एनसीआईआरटी पाठ्यक्रम लागू किया है। जो इस पाठ्यक्रम में है, वही पढ़ाया जाएगा। हमने अपनी ओर से इसमें कुछ जोड़ा या घटाया नहीं है।
इनकी रचनाएं हटाई गईं
बोर्ड का कहना है कि एनसीआईआरटी पाठ्यक्रम की जो किताबे हैं, उनमें 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए रवींद्रनाथ टैगोर के साथ ही पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एस. राधाकृष्णन की रचना भी शामिल नहीं है। टैगोर की कहानी द होम कमिंग पूर्व में 12वीं में पढ़ाई जाती थी। डॉ. एस राधाकृष्णन का लेख द वूमेंस एजुकेशन और एएल बाशम का हेरिटेज ऑफ इंडिया भी नए पाठ्यक्रम में शामिल नहीं हैं। आरके नारायणन की कहानी एन एस्ट्रोलॉजर्स डे और मुल्क राज आनंद की कहानी द लास्ट चाइल्ड भी पाठ्यक्रम में नहीं हैं।
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सरोजनी नायडू की कविता भी हटाई गई
10वीं कक्षा की किताब से सरोजनी नायडू की कविता द विलेज सांग को भी हटा दिया गया है। सी राजगोपालचारी, डब्ल्यूएम रायबर्न और आर श्रीनिवासन की रचनाएं भी पाठ्यक्रम से बाहर कर दी गई हैं।
बंगाल में बवाल
यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम से रवींद्रनाथ टैगोर की कहानी हटाए जाने का मामला पश्चिम बंगाल में गरमा गया है। टीएमसी इसे टैगोर का अपमान बताते हुए इसका जबरदस्त विरोध कर रही है। बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने इस निर्णय का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने इसे भारत की संस्कृति का अपमान बताया है। बसु का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी को बंगाल की संस्कृति के महत्व के बारे में जानकारी नहीं है।
टीएमसी की विद्यार्थी यूनिट ने किया प्रदर्शन
टीएमसी की विद्यार्थी यूनिट ने भी इसके विरोध में टैगोर के कोलकाता स्थित जन्मस्थल पर प्रदर्शन किया। इसके साथ ही टीएमसी के छात्र परिषद के नेता विश्वजीत डे ने कहा है कि टैगोर की लिखी कहानी छुट्टी के अंग्रेजी अनुवाद को योगी सरकार ने षड्यंत्र के तहत यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम से हटा दिया है। उन्होंने इसे पूरे देश का अपमान बताया है।