बकरीद पर केरल में लॉकडाउन में ढील दिए जाने को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने पिनराई विजयन सरकार को खरीखोटी सुनाई है। न्यायालय ने 20 जुलाई को इस मामले की सुनवाई के दौरान बकरीद के अवसर पर दी गई तीन दिनों की ढील पर केरल सरकार को फटकार लगाई।
अपनी टिप्पणी में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि व्यापारियों की ओर से लॉकडाउन में ढील देने की मांग को स्वीकार करना आश्चर्यजनक है। इसके साथ ही न्यायालय ने साफ कर दिया कि वह बकरीद के अवसर पर कांवड़ यात्रा को लेकर दिए गए आदेश पर अमल करे। इससे पहले 19 जुलाई को न्यायालय ने इस मामले में केरल सरकार से जवाब देने का निर्देश जारी किया था।
सर्वोच्च टिप्पणी
सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि हम केरल सरकार को निर्देश देते हैं कि वह संविधान के अनुच्छद 21 और 144 पर अमल करे और कांवड़ यात्रा पर दिए गए हमारे आदेश का पालन करे। न्यायालय ने कहा कि किसी भी तरह के दबाव में नागरिकों के जीने के अधिकार का उल्लंघन नहीं किया जा सकता। न्यायालय ने यह भी कहा कि अगर कोई अनहोनी होती है तो कोई भी नागरिक सर्वोच्च न्यायालय को इसकी जानकारी दे सकता है, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
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21 जुलाई को बकरीद
इस वर्ष मुसलमानों का महत्वपूर्ण त्योहार बकरीद 21 जुलाई को मनाया जाएगा। इससे पहले 25 जुलाई से शुरू होने वाली हिंदुओं की कांवड़ यात्रा पर कोरोना के खतरे के मद्देनजर रोक लगा दी गई है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बाद दिल्ली सरकार ने हाल ही में इस पर रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं। लेकिन बकरीद को लेकर इस तरह का कोई आदेश जारी नहीं किया गया था।
केरल में सबसे अधिक केस
इन दिनों कोरोना के सबसे ज्यादा केस केरल में मिल रहे हैं। इसके बावजूद राज्य में बकरीद को लेकर नियमों में ढील देने का आदेश जारी किया गया था। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने राज्य सरकार को इस ढील पर चेतावनी दी थी। इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने भी केरल सरकार से जवाब मांगा था। न्यायालय ने इस मामले पर 20 जुलाई को सुनवाई की।