पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के विरुद्ध सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर पर बॉम्बे उच्च न्यायालय ने बड़ा निर्णय सुनाया है। अनिल देशमुख और राज्य सरकार द्वारा दायर की गई इस याचिका को न्यायालय ने खारिज कर दिया है। इसके बाद अब अनिल देशमुख पर कार्रवाई का मार्ग साफ हो गया है।
प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ से लुकाछिपी कर रहे अनिल देशमुख के विरुद्ध बॉम्बे उच्च न्यायालय ने बड़ा निर्णय दिया है। अनिल देशमुख ने सीबीआई द्वारा अपने ऊपर दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने की याचिका दायर की थी, जबकि दूसरी याचिका राज्य सरकार ने दायर की थी जिसमें एफआईआर के आंशिक मुद्दों को रद्द करने की मांग की गई थी। इस प्रकरण की सुनवाई में उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है।
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ये है प्रकरण
भ्रष्टाचार से जुड़े इस प्रकरण में सीबीआई ने शुरुआती जांच पूरी करते हुए अनिल देशमुख के विरुद्ध एफआईआर दर्ज किया था। इस एफआईआर के कुछ अशों को हटाने की मांग लेकर राज्य सरकार ने 30 अप्रैल 2021 को बॉम्बे उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। जबकि, 3 मई 2021 को अनिल देशमुख ने भी बॉम्बे उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी।
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इस प्रकरण को उच्च न्यायालय ने ‘अभूतपूर्व’ करार दिया था। न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की पीठ ने अधिवक्ता जयश्री पाटील की शिकायत के आधार पर 5 अप्रैल 2021 को सीबीआई को शुरुआती जांच (प्रीलिमिनरी इन्क्वायरी) के आदेश दिये थे। याचिकाकर्ता अधिवक्ता ने पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के पत्र का उल्लेख किया था, जो मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखा गया था। इस पत्र में परमबीर सिंह ने तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।
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