एसिड अटैक पीड़ितों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश में अब एसिड अटैक पीड़ितों को भी दिव्यांग आरक्षण का लाभ मिलेगा। योगी आदित्यनाथ सरकार ने बौनापन, कुष्ठ रोगमुक्त और बौद्धिक दिव्यांगों को भी नई आरक्षण सूची में शामिल किया है। 22 जुलाई को कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
उत्तर प्रदेश की लोकसेवाओं में दिव्यांगजन को क, ख,ग और घ चार वर्ग में विभाजित किया गया है। इन्हें 4 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। इन पदों के चिह्नांकन के बाद शासनादेश जारी किया गया है।
सीएम के पास संशोधन करने का अधिकार
समस्त विभागों के शेष सभी पदों के लिए दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 की धारा-34 के तहत दिव्यांगजनों को आरक्षण दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। नौकरियों के चिह्नांकन के लिए भविष्य में संशोधन करने का अधिकार मुख्यमंत्री के पास रहेगा।
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दिव्यांगजन की श्रेणियां
21 नई दिव्यांगताओं में से निम्न दिव्यांगताओं को लोक सेवा में आरक्षण का लाभ दिए जाने के लिए सरकार ने शामिल किया है।
- अंध और कमजोर दृष्टि
- बधिर और श्रवण शक्ति में कमी
- चलन दिव्यांगताः इसके तहत मस्तिष्क घात, कुष्ठ रोगमुक्त, बौनापन, एसिड अटैक पीड़ित, बौद्धिक दिव्यांगता, दिव्यांगता और मानसिक अस्वस्थता
- सभी दिव्यांगता के लिए चिह्नित किए गए पदों में से खंड क से घ के अधीन आने वाले व्यक्ति में से बहु दिव्यांगता, जिनके अंतर्गत बधिर और अंधापन भी शामिल है।