फिर बढ़ने लगे कोरोना के केस! ये हैं कारण

कोरोना के आंकड़े बढ़ने के कई कारण हैं। लेकिन इसका एक मुख्य कारण 21 जुलाई को मनाई गई बकरीद भी है।

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कोरोना से देश को राहत जरुर मिल रही है लेकिन इसकी तीसरी लहर की तलवार अभी भी लटकी हुई है। इसके साथ ही कोरोना के हर दिन घट-बढ़ रहे मामले भी चिंताजनक हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 22 जुलाई को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार देश में कुल 41,383 नए मामले आए हैं। यह एक दिन पहले पाए गए 42,015 से थोड़ा ही कम है। इससे पहले यानी 20 जुलाई को यह आंकड़ा 30,093 रहा था। इससे पहले के दो दिन भी कोरोना के आंकड़े 38,660 आए थे, जबकि 18 जुलाई से पहले हर दिन नए मामलों में गिरावट दर्ज की जा रही थी। लेकिन पिछले दो दिनों से लगातार कोरोना के मामले 40 हजार से ऊपर आ रहे हैं।

बकरीद मुख्य कारण
कोरोना के आंकड़े बढ़ने के कई कारण हैं। लेकिन इसका एक कारण 21 जुलाई को मनाया गया मुसलमानों का महत्वपूर्ण त्योहार बकरीद भी है। बकरीद भले ही 21 जुलाई को मनाई गई, लेकिन इसके लिए खरीदारी 10-15 दिन पहले से शुरू हो गई थी। इस कारण देश की दुकानों और बाजारों में भीड़ देखी गई। खास कर मुस्लिम बहुल इलाकों में बड़ी संख्या में लोग खरीदारी करते देखे गए। इसमें कोरोना के नियमों का उस तरह ख्याल नहीं रखा गया, जैसा रखे जाने की जरुरत थी।

केरल ने दी थी तीन दिन की ढील
उत्तर प्रदेश,बिहार और दिल्ली समेत कई राज्यों ने बकरीद मनाने के लिए कुछ दिशानिर्देश जारी किए थे। लेकिन इस पर पूरी तरह प्रतिबंध किसी भी सरकार ने नहीं लगाया था। दूसरी और केरल में इस त्योहार पर तीन दिन तक कोरोना प्रतिबंधों में ढील दी गई थी। यह ढील 19 जुलाई से 21 जुलाई तक दी गई थी। हालांकि 20 जुलाई की शाम को सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में केरल सरकार के इस निर्णय पर रोक लगा दी थी और इसके लिए केरल की पिनराई विजयन सरकार को फटकार लगाई थी, लेकिन इससे पहले दो दिन तक जिनको जो मनमानी करनी थी, वे कर चुके थे।

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संक्रमण के मामले में प्रथम क्रमांक पर है केरल
इस मामले में केरल सरकार की आलोचना होना स्वाभाविक ही है। इसका कारण यह है कि यहां पहले से ही कोरोना के मामले बढ़े हुए हैं। कुछ दिनों पहले तक जहां इस मामले में महाराष्ट्र प्रथम क्रमांक पर था, वहीं अब महाराष्ट्र को पछाड़ते हुए केरल ने इस मामले में नंबर वन का खिताब हासिल कर लिया है। 22 जुलाई की बात करें तो केरल में जहां 17,481 मामले पाए गए, वहीं महाराष्ट्र में 8,159 नए मामले आए हैं। इसके बावजूद बकरीद के अवसर पर वहां की सरकार द्वारा प्रतिबंधों में दी गई ढील हैरान करने वाली बात है। अपने फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने भी यह टिप्पणी की थी। अब उसका खामियाजा केरल के साथ ही पूरे देश को भुगतना पड़ रहा है।

लोगों की लापरवाही
कोरोना संक्रमण बढ़ने का दूसरा सबसे बड़ा कारण लोगों की लापरवाही है। मुंबई की लोकल ट्रेनों और बसों तथा दिल्ली तथा अन्य राज्यों के पब्लिक ट्रांसपोर्ट और बाजारों में लोगों की लापरवाही स्पष्ट रुप से देखी जा सकती है। कई लोग मास्क पहनने की जरुरत नहीं समझते तो कई लोग मास्क केवल दिखाने के लिए पहनते हैं। इसके साथ ही सामाजिक दूरी और अन्य कोरोना संक्रमण से बचने के उपायों के पालन की भी वे जरुरत नहीं समझते।

आई डोंट केयर एटीड्यूड
इसका कारण यह है कि उन्हें लगता है कि अब कोरोना खत्म हो गया है और अब इस तरह के उपाय करने की कोई जरुरत नहीं है। जबकि सरकार और स्थानीय प्रशासन के साथ ही देश-विदेश के विशेषज्ञ भी बार-बार यह चेतावनी दे रहे हैं कि कोरोना के सभी नियमों का पालन करें, ऐसा न करके आप कोरोना की तीसरी लहर को निमंत्रण देने का काम करेंगे। लेकिन आई डोंट केयर एटीड्यूड के कारण लोग अपने साथ ही दूसरे लोगों के जीवन को भी खतरे में डाल रहे हैं और अंत में इसका खामियाजा पूरे देश को भुगतना पड़ रहा है।

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