महाराष्ट्र में 2019 में जब महाविकास आघाड़ी गठबंधन की सरकार बन रही थी, तब सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के पांच अधिकारी इजरायल दौरे पर गए थे। पांचों अधिकारी कथित तौर पर सोशल मीडिया के प्रशिक्षण के लिए वहां गए थे। लेकिन इस रहस्योद्घाटन के बाद कि अधिकारी बिना किसी की अनुमति के इजराइल गए थे, महाराष्ट्र की राजनीति में हड़कंप मच गया है। तो क्या इन अधिकारियों का पेगासस जासूसी कांड से कोई संबंध है? फिलहाल प्रदेश की ठाकरे सरकार ने उन अधिकारियों की जांच रिपोर्ट मांगी है। इस कारण उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
इजरायल दौरे पर गए थे ये अधिकारी
1-अजय आंबेकर, निदेशक (प्रशासन), मंत्रालय
2-हेमराज बागुल, निदेशक (सूचना) (नागपुर – अमरावती मंडल)
3-किशोर गांगुर्डे, वरिष्ठ सहायक निदेशक (सूचना), मंत्रालय
4-वर्षा अंधाले, वरिष्ठ सहायक निदेशक (सूचना), मंत्रालय
5-अजय जाधव, वरिष्ठ सहायक निदेशक (सूचना), मंत्रालय
दौरे की असली वजह
सामान्य प्रशासन ने अपने पत्र में कहा है कि पांच अधिकारियों को यह जानने के लिए इजरायल भेजा गया था कि सोशल मीडिया और वेब मीडिया का उपयोग कैसे किया जा सकता है। वे इस बारे में प्रशिक्षण लेने इजरायल गए थे कि दुनिया भर में इसका उपयोग कैसे किया जाता है, और महाराष्ट्र में सूचना तथा जनसंपर्क विभाग में इसे लागू करने की क्या संभावना है। इसका उद्देश्य सरकारी कार्यक्रमों और निर्णयों का प्रसार करना था। इस तरह के प्रशिक्षण के लिए अधिकारियों को इजरायल भेजे जाने का कारण यह था कि इजरायल डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल में अग्रणी है।
पेगासस जासूसी से कोई सरोकार नहीं
इजरायल गए पांचों अधिकारियों ने पेगासस जासूसी कांड के बारे में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि यह हास्यास्पद बातें हैं और इस बारे में उन्हें कोई भी जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि इस तरह की जासूसी करने के लिए सरकार क्या प्रशासनिक रुप से उन्हें सभी तरह के दस्तावेज के साथ इजरायल जाने की इजाजत देती?
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कांग्रेस ने की जांच की मांग
कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने इसे एक गंभीर मामला बताते हुए इसकी जांच कराने की मांग की है। सावंत ने कहा कि यह पता लगाना जरुरी है कि फडणवीस सरकार के कार्यकाल में महाराष्ट्र में पेगासस स्पाईवेयर का उपयोग करके जासूसी और फोन टैपिंग की जाती थी या नहीं? और क्या पेगासस जासूसी कांड महाराष्ट्र में भी हुआ था?
अवैध रुप से फोन टैपिंग का आरोप
कांग्रेस नेता ने कहा कि फडणवीस सरकार के कार्यकाल में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला के माध्यम से पहले भी अनधिकृत फोन टैपिंग का मामला सामने आ चुका है। लेकिन पेगासस स्पाईवेयर के इस्तेमाल की खबरें अभी आई हैं। सावंत ने कहा कि हमें यह पता लगाने की जरूरत है कि क्या कोई आईपीएस अधिकारी मंत्रालय में बैठकर सरकार की जासूसी का काम कर रहा था।