अगर देश में कोरोना के औसत मामलों पर नजर डालें तो इसमें गिरावट दर्ज की जा रही है, लेकिन पिछले करीब 15 दिनों से इसके आंकड़े बढ़-घट रहे हैं। एक-दो दिन नए केस कम आने के बाद फिर मामले बढ़ जाते हैं। इस कारण कोरोना को लेकर चिंता बढ़ रही है। हालांकि 27 जुलाई की बात करें तो 29,689 नए मामले आए हैं। यह पिछले 15 दिनों से पाए जा रहे मामलों से काफी कम है। लेकिन हो सकता है कि एक-दो दिन में नए मामले 40 हजार के पार आने लगें।
दरअस्ल देश के अधिकांश राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से और लगातार कम हो रहे हैं, लेकिन कुछ राज्यों में इसके नए केस अभी भी बढ़े हुए हैं। इस कारण राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना के मामलों के साथ ही मौत के भी आंकड़े बढ़े हुए आ रहे हैं।
ये राज्य बढ़ा रहे हैं चिंता
पहले केरल और पूर्वोत्तर राज्यों के साथ ही महाराष्ट्र में भी बढ़े हुए मामले आ रहे थे। हालांकि पिछले करीब 15 दिनों से महाराष्ट्र में कोरोना के आंकड़े लगातार कम हो रहे हैं, लेकिन केरल में आज भी आंकड़े डरा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने इस बारे में बताया कि केरल के 7, मणिपुर के 5 और मेघालय के 3 जिलों में पिछले एक महीने से लगातार कोरोना के नए मामले आ रहे हैं। इनके साथ ही अरुणाचल प्रदेश के 3 और महाराष्ट्र के 2 तथा असम व त्रिपुरा मे एक- एक जिले में कोरोना के बढ़े हुए केस आ रहे हैं।
#secondwave के दौरान देश में रोजाना नए मामलों में गिरावट जारी है,
पिछले 24 घंटे के दौरान 29,689 नए मामले सामने आए हैं,
एक समय में जहां औसत दैनिक नए मामले 3,87,029 मामले दर्ज किए जाते थे वो घटकर 38,090 मामले पहुंच चुके हैं : @MoHFW_INDIA #IndiaFightsCorona #Unite2FightCorona pic.twitter.com/Om5oItWyQC
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) July 27, 2021
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सावधानी जरुरी
लव अग्रवाल ने बताया कि वैश्विक नजरिए से देखें तो महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। विश्व के कई देशों में वर्तमान में कोरोना का कहर जारी है। यह पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है। इसे रोकने के लिए हमें सावधान रहने की जरुरत है।
जारी है कोरोना की दूसरी लहर
नीति आयोग( स्वास्थ्य) के सदस्य डा. वी के पॉल ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है। कुछ क्षेत्र में अभी भी चिंता बनी हुई है। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई भी वैक्सीन नहीं है, जो 100 प्रतिशत दावा करे कि संक्रमण नहीं होगा। लेकिन इससे बीमारी की गंभीरता और मौत को रोका जा सकता है।