देश में माओवादी गतिविधियों में बच्चों का उपयोग किया जा रहा है। इसे अब केंद्र सरकार ने भी स्वीकार किया है। इन बच्चों का उपयोग माओवादी अपनी रसद आपूर्ति, भोजन पकाने आदि में कर रहे हैं। इस संबंध में हिंदुस्थान पोस्ट ने 13 मई, 2021 को ही एक खबर प्रकाशित की थी।
लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक उत्तर में सूचित किया कि माओवादी अब नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के छात्रों का उपयोग अपनी गतिविधियों में कर रहे हैं। उन्होंने ने बताया कि झारखंड और छतत्तीसगढ़ में बच्चों को सैनिकों जैसा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। माओवादी कैंपों में बच्चों का उपयोग भोजन बनाने, आवश्यक सामान खरीदकर लाने, सुरक्षा बलों के संचलन की जानकारी प्राप्त करने आदि में की जा रही है।
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नियंत्रण में वामपंथी उग्रवाद
मंत्री ने बताया कि देश में वामपंथी उग्रवाद (नक्सली) कम हुआ है। पिछल कुछ वर्षों में सुरक्षा बलों के हताहत होने की संख्या और हिंसा की घटनाओं में व्यापक रूप से कमी आई है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि मोदी सरकार ने वर्ष 2015 में एक एक्शन प्लान बनाया इसके लिए सरकार ने बहुआयामी व्यवहार को अपनाया, जिसमें सुरक्षा उपाय, विकास कार्यों को बल देने और स्थानीय लोगों के अधिकारों की रक्षा करना शामिल है।
इसके लिए केंद्र सरकार राज्यों को पुलिस बल के आधुनिकीकरण, पुलिस कर्मियों को सुरक्षा संबंधी खर्च और विशेष संसाधन योजना के माध्यम से आधुनिक रूप से सज्ज करने का कार्य भी कर रही है।
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