हृदय रोगों के उपचार के लिए मिनिमल इन्वेसिव सर्जरी मुंबई के वॉकहार्ट अस्पताल में की गई। इस सफलत सर्जरी को डॉ. मंगेश कोहाले ने किया जो कार्डियो थोरिएक सर्जन हैं।
65 वर्षीय रिद्धि शाह (बदला हुआ नाम) और 56 वर्षीय गणेश तरे (बदला हुआ नाम) हृदय रोग से ग्रस्त थे। रिद्धि शाह को सांस लेने में परेशान हो रही थी। 2डी इको में यह स्पष्ट हुआ कि उन्हें माइट्रल वॉल्व की बीमारी है और उसे बदलने की सलाह दी गई। डॉ. मंगेश कोहाले और उनकी टीम ने छाती की दाहिनी ओर एक 6 सेमी का छेद लगाकर मिनिमल इन्वेसिव माइट्रल वॉल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी की। इसी प्रकार 56 वर्षीय श्री गणेश तरे को पिछले 2 महीनों से छाती में तीव्र दर्द की शिकायत थी और उनकी मुख्य धमनी में गंभीर रुप से 90% का ब्लॉकेज (अवरोध) था। डॉ. कोहाले ने इसी तरह से छाती के बाएं तरफ से 6 सेमी का एक छेद लगाकर मिनिमल इन्वेसिव बायपास सर्जरी परफॉर्म की।
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क्या है मिनिमल इन्वेसिव सर्जरी
मिनिमल इन्वेसिव सर्जरी भारत में हार्ट सर्जरी का एक नया रुप है। कोरोनरी (ह्रदय को खून पहुँचानेवाली धमनियाँ) हार्ट की बीमारियों के उपचार के लिए कोरोनरी बायपास परफॉर्म करने की यह तुलनात्मक रुप से नई और उन्नत तकनीकी है। इस तकनीक में 4-6 सेमी के एक छेद के जरिए ह्रदय तक पहुंचा जाता है। यह छेद स्तनाग्र के ठीक नीचे लगाया जाता है। किसी भी हड्डी को काटे बिना और मांसपेशी को अलग कर पसलियों के बीच से छाती में प्रवेश किया जाता है।