वो इंसान बेचते थे… दिल्ली एनसीआर में मानव तस्करी के माध्यम से रोहिंग्या-बांग्लादेशियों की बस्ती बसा रहे थे। लेकिन अब उनके देश विरोधी कर्मों का भंडाफोड़ हो गया है। इसमें बड़ा कार्य किया उत्तर प्रदेश एटीएस ने। उसने तीन लोगों को पकड़ा है जो भारत के विरुद्ध षड्यंत्र कर रहे थे।
डेढ़ महीने पहले ही यूपी एटीएस ने धर्मांतरण करनेवाले गिरोह को पकड़ा था। इस गिरोह के शिकार अकेली, गरीब महिलाएं और दिव्यांग बच्चे थे। इसके तार विदेशों से जुड़े थे, जहां से इस गिरोह को फंडिंग होती थी। यूपी एटीएस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो बांग्लादेश और म्यांमार से रोहिंग्या को लेकर उन्हें बेचता था, अच्छे पैसे लेकर दिल्ली एनसीआर में बसाता था।
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मोडस ऑपरेंडी
इस गिरोह का मुखिया नूर मोहम्मद है उसके दो साथी रहमत उल्लाह और शबी उल्लाह हैं। ये तीनों दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में अवैध रूप से रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को लाकर बसाते थे। इसकी ऐवज में इन्हें फंडिंग भी होती थी।
महिला और बच्चे इनकी पहली पसंद थे, महिलाओं को विवाह का लालच देकर लाते थे और बच्चों को फैक्टरियों में काम करने के लिए बेंच देते थे। इसके जरिये ये इन क्षेत्रों में अवैध रूप से लोगों को लाकर बसाने का षड्यंत्र कर रहे थे।
… और पकड़े गए
उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि, एटीएस ने निगरानी के बीच नूर मोहम्मद उर्फ नूर इस्लाम को पकड़ा था। उसके साथ रोहिंग्या और बांग्लादेशी भी थे। जिन्हें ब्रम्हपुत्र एक्सप्रेस से दिल्ली ला रहा था। एटीएस ने पांच लोगों को गाजियाबाद में ट्रेन से उतारा और उनसे पूछताछ की। पूछताछ में पता चला कि इस्लाम ने उन लोगों को विवाह कराने का आश्वासन देकर लाया था। इसके लिए इस्लाम को अच्छे पैसे भी मिले थे।
मोहम्मद ने बताया कि, उसके कुछ साथी दिल्ली स्टेशन पर उसका इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद उन्हें भी पकड़ लिया गया। 16 और 18 वर्ष की दो युवतियों को मुक्त कराया गया। दोनों ही युवतियां म्यांमार की थीं। इसके अलावा एक शख्स को भी छुड़ाया गया है।
आरोपी भी घुसपैठिये
तीनों ही आरोपी खुद भी घुसपैठियें हैं। नूर इस्लाम बांग्लादेश से है और वर्तमान में त्रिपुरा में रहता है, रहमत उल्लाह म्यांमार से है और जम्मू कश्मीर के शरणार्थी शिविर में रहता है। इसी प्रकार शबी उल्लाह भी म्यांमार से है।
पुलिस ने किया मामला दर्ज
तीनों आरोपियों के विरुद्ध पुलिस ने भारतीय दंड विधान की धारा 420, 467, 468, 471, 370 और 120बी के अंतर्गत मामला दर्ज किया है।