महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने परोक्ष रुप से भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि अब तक मुझे आलोचना सुनने की आदत हो गई है। लेकिन डरना नहीं सीखा है। सीएम ने कहा कि वो एक डायलॉग है ना, मुझे थप्पड़ से डर नहीं लगता। हम ऐसे थप्पड़ देते और लेते रहे हैं। लेकिन अब किसी को भी थप्पड़ मारने वाली भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने चेतावनी दते हुए कहा कि मैं उसे ऐसा थप्पड़ मारूंगा कि वो उठ नहीं पाएगा। भाजपा नेता प्रसाद लाड ने कहा था, ” तो हम शिवसेना भवन को तोड़ डालेंगे!” मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे उनके उस बयान का जवाब दे रहे थे।
बीडीडी चाल पुनर्वसन परियोजना का भूमिपूजन
1 अगस्त को मुंबई में वर्ली स्थित बीडीडी चाल पुनर्वसन परियोजना के भूमि पूजन समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकरे बोल रहे थे। इस मौके पर राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, गृह निर्मााण मंत्री जितेंद्र आव्हाड, राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात और पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे भी मौजूद थे। सीएम ने कहा कि जीवन में कुछ काम अप्रत्याशित हो जाते हैं। जिस तरह मेरा मुख्यमंत्री बनने का मन नहीं था, उसी तरह बीडीडी चाल पुनर्विकास परियोजना का भूमिपूजन समारोह तब हो रहा है, जब मैं मुख्यमंत्री हूं। मुख्यमंत्री ने बीडीडी चाल के निवासियों को प्रलोभन में न आने की सलाह देते हुए कहा कि आज भूमि पूजन किया गया है और हम उन्हें 36 महीने में घर की चाबी देंगे।
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मराठी संस्कृति को संजोकर रखेंः पवार
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि एक तरफ राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में घर बनाना एक चुनौती है तो दूसरी तरफ मजदूरों के लिए आश्रय की समस्या के समाधान की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि बीडीडी चाल के कारण देश में कई ऐतिहासिक घटनाएं घटीं। संविधान रचयिता डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर यहीं रहते थे। उनकी वजह से इस देश के हर आदमी को वोट देने का अधिकार मिला। उन्हें आज भी यहां याद किया जाता है। प्रबोधनकर ठाकरे, जिन्होंने परिवर्तन आंदोलन में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, वे भी एक समय में इसी क्षेत्र में रहते थे। अन्नाभाऊ साठे यहीं रहते थे। न केवल महाराष्ट्र बल्कि देश के मजदूरों के आंदोलन में ऐतिहासिक योगदान देने वाले कॉमरेड श्रीपाद अमृत डांगे भी इसी इलाके में रहते थे और महाराष्ट्र के निर्माण के लिए महाराष्ट्र को जगाने का काम करने वाले आचार्य अत्रे भी यहीं रहते थे। इस क्षेत्र का अब पुनर्विकास होने जा रहा है। पवार ने कहा,’इसे मत बेचो। इस ऐतिहासिक धरोहर और मराठी संस्कृति को संजोकर रखो।’