कोरोना की दूसरी लहर से महाराष्ट्र को राहत मिलती तो दिख रही है, लेकिन तीसरी लहर की तलवार अभी भी लटकी हुई है। इस कारण सरकार ने अभी भी प्रतिबंधों में ज्यादा ढील नहीं दी है। इस कारण प्रदेश के व्यापारियों को भारी आर्थिक परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। इस वजह से व्यापारियों ने अब सरकार के खिलाफ आंदोलन करना शुरू कर दिया है।
पुणे में यूनाइटेड हॉस्पिटैलिटी एसोसिएशन की ओर से घंटा नाद कर और थाली बजाकर सरकार को जगाने के लिए आंदोलन किया गया। कोरोना महामारी के मद्देनजर लागू प्रतिबंधों के कारण अपने व्यवसाय पर प्रतिकूल असर पड़ने से परेशान व्यवसायियों नें यह आंदोलन किया।
सड़क पर उतरकर किया आंदोलन
यूनाइटेड हॉस्पिटैलिटी एसोसिएशन और फेडरेशन ऑफ ट्रेडर्स ने 3 अगस्त को पुणे के गुडलक चौक पर सरकार के खिलाफ घंटी और थाली बजाकर आंदोलन किया। इस दौरान बड़ी संख्या में व्यापारी सड़क पर उतर आए और कोरोना के प्रतिबंधों के कारण अपने व्यवसाय पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव के खिलाफ आवाज बुलंद की।
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एसोसिएशन के अध्यक्ष ने साधा सरकार पर निशाना
एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप नारंग ने कहा कि हम आज यह आंदोलन महाराष्ट्र सरकार को गहरी नींद से जगाने के लिए कर रहे हैं। होटल, रेस्टोरेंट, बार, परमिट रूम उद्योग पिछले डेढ़ साल से बंद पड़े हैं। हमें शाम 4 बजे तक का जो समय दिया जाता है, उसका कोई उपयोग नहीं है। नारंग ने कहा कि पूरी दुनिया को मालूम है कि शाम 4 बजे कोई भी ड्रिंक-डिनर के लिए बाहर नहीं आता है।
पुणे में यूनाइटेड हॉस्पिटैलिटी एसोसिएशन की ओर से घंटा नाद कर और थाली बजाकर सरकार को जगाने के लिए आंदोलन किया गया। कोरोना के कारण लागू प्रतिबंधों के कारण अपने व्यवसाय पर प्रतिकूल असर पड़ने से परेशान व्यवसायियों नें यह आंदोलन किया। #lockdown #unlockguidelines #punenews pic.twitter.com/hiF8vshSZz
— Hindusthan Post (@HindusthanPostH) August 3, 2021
ये हैं मांग
एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष समीर शेट्टी ने कहा कि हमारी सरकार से दो मांगें हैं। पहला- होटल व्यवसाय को खोलने के समय में बदलाव करने की जरुरत है। हमें दोपहर 12 से 3 और शाम 6 से रात 11.30 बजे तक होटल खोलने की अनुमति दी जाए। इसके साथ ही हम उत्पाद शुल्क में छूट चाहते हैं। शेट्टी ने कहा कि हमें जल और संपत्ति कर में छूट मिलनी चाहिए। समीर शेट्टी ने कहा कि डेढ़ साल से हमारा व्यवसाय बंद है। इस कारण हम आर्थिक रुप से परेशान हैं। इस स्थिति में हमारे लिए टैक्स भरना मुश्किल है।