अब पुणे को जीका का डर सताए… कैसे करता है हमला और कैसे करें बचाव?

कोरोना की तीसरी लहर से बचने के उपायों पर काम कर रहे महाराष्ट्र में जीका वायरस का संक्रमण चिंता का विषय है।

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महाराष्ट्र का पुणे कोविड-19 से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से है। अब एक नया वायरस खतरे की घंटी बजा रहा है। इसको लेकर केंद्रीय दल ने भी पुणे में सर्वेक्षण किया। राज्य में जीका की पहली मरीज बेलसर गांव में मिली थी।

जीका वायरस की पहली मरीज बेलसर गांव में मिली थी। इसके बाद प्रशासन ने गांव में साफ सफाई और फॉगिंग का कार्य किया है। पुणे में केंद्रीय जांच दल ने चार बैठकें की हैं। जिसमें संक्रमण की स्थिति और रोकथाम के उपायों को लेकर किये जा रहे प्रयासों की जानकारी ली गई। जीका वायरस मच्छर जनित बीमारी है। यह एडिस मच्छरों के काटने से होती है। इसके अलावा सलाइवा और सीमेन के आदान प्रदान से भी इसका संक्रमण फैल सकता है।

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लक्षण
इसके लक्षण डेंगी के समान होते हैं। मच्छर के काटने से संक्रमित व्यक्ति को हल्का बुखार, शरीर में चकत्ते दिखाई देते हैं। संक्रमित व्यक्ति में कॉंजक्टिवाइटिस, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और थकान जैसे लक्षण होते हैं। इसके लक्षण आमतौर पर 2 से 7 दिनों तक रहते हैं।

उपचार
जीका का कोई विशेष उपचार उपलब्ध नहीं है, लक्षण के अनुसार इसका उपचार किया जाता है। संक्रमित व्यक्ति को डॉक्टर संपूर्ण आराम की सलाह देते हैं। इस दौरान घरों में मच्छर से बचाव के लिए छिड़काव और रेपेलेन्ट का उपयोग बचा सकते हैं।

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