महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के प्रकरण में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने उच्च न्यायालय से गुहार लगाई है। उसने न्यायालय को राज्य सरकार द्वारा सहयोग न किये जाने और अधिकारी द्वारा धमकाए जाने की शिकायत की है।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने न्यायालय में बताया कि उसके आदेश के बाद भी राज्य सरकार असहयोग कर रही है। उसकी ओर से पेश हुए एडीशनल सॉलिसिटर जनरल के माध्यम से बताया गया कि मुंबई का एक एसीपी सीबीआई के जांच अधिकारी को धमका रहा है। इस विषय को गंभीरता से लेते हुए न्यायालय ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है।
न्यायालय का कड़ा रुख
सीबीआई की शिकायत के बाद न्यायालय ने पब्लिक प्रॉसिक्यूटर अरुणा कामत पई को उत्तर देने को कहा है। न्यायालय ने कहा है कि, हम सरकार को नोटिस जारी कर रहे हैं, कुछ एसीपी सीबीआई के अधिकारी को धमकी दे रहे हैं। ढूंढो क्या स्थिति है। कृपा करके ऐसी असहज स्थिति उत्पन्न न करें कि हमे उन्हें किसी निर्णय तक ले जाना पड़े।
ये भी पढ़ें – आ गई महाराष्ट्र में कॉलेज शुरू होने की तारीख
जांच के लिए न्यायालय का था आदेश
बॉम्बे उच्च न्यायालय ने 5 अप्रैल 2019 को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा गृहमंत्री पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीबीआई को प्राथमिक जांच (पीई) का आदेश दिया था। इसकी रिपोर्ट एजेंसी को पंद्रह दिनों में देनी थी। इस प्रकरण की सुनवाई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दिपांकर दत्ता और न्यायाधीश जीएस कुलकर्णी द्वारा की जा रही थी। इसकी प्राथमिक जांच के बाद सीबीआई ने इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज करते हुए नियमित जांच शुरू की है।