केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ.जितेंद्र सिंह ने गर्भवती महिलाओं के लिए अनिवार्य ब्लड शुगर टेस्ट की आवश्यकता पर बल दिया है। यह टेस्ट उन महिलाओं का भी होना चाहिए जिनमें बीमारी को कोई लक्षण नहीं है।
डॉ. जितेंद्र सिंह एक प्रसिद्ध मधुमेह विशेषज्ञ हैं।
प्रेग्नेंसी स्टडी ग्रुप इंडिया (डीआईपीएसआई 2021) में मधुमेह पर दो दिवसीय 15वें वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को वर्चुअल रूप से संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि युवा पीढ़ी को इस बीमारी से बचाने के लिए उसका समय पर पता लगाना सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि रोग के पहचान की प्रक्रिया का मानदंड बेहद सरल, व्यवहारिक, किफायती और सबूतों पर आधारित होनी चाहिए तथा इस संबंध में भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, द्वारा अनुमोदित और “डायबिटीज इन प्रेग्नेंसी स्टडी ग्रुप इंडिया (डीआईपीएसआई)” द्वारा जेस्टेशनल डायबिटीज मेलिटस (जीडीएम) की पहचान के लिए “सिंगल टेस्ट प्रक्रिया” एक सस्ती टेस्ट प्रक्रिया है, जो कि समाज के सभी वर्गों की जरूरतों को पूरा करती है।
ये भी पढ़ें – कोविड-19 पर एक और वार… इस कंपनी का सिंगल टीका ही देगा सुरक्षा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी गर्भवती महिलाओं के लिए एंटीनटाल पैकेज के तहत जेस्टेशनल डायबिटीज मेलिटस (जीडीएम) की स्क्रीनिंग अनिवार्य कर दिया है। उसने यह फैसला 2014 के राष्ट्रीय दिशानिर्देश के आधार पर लिया है। लेकिन इसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों यानि जमीनी स्तर पर ऑपरेशनल करना अभी भी एक बड़ी चुनौती होगी।
वर्ष 2019 में, 20-49 उम्र के आयु वर्ग में गर्भावस्था के दौरान हाइपरग्लेसेमिया (एचआईपी) का वैश्विक स्तर पर प्रसार 20.4 मिलियन या नवजात बच्चों में 15.8 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया गया था। उन्हें गर्भावस्था में किसी न किसी रूप में हाइपरग्लेसेमिया था, जिनमें से 83.6 प्रतिशत जीडीएम के कारण थे, जो कि एक वैश्विक स्तर की स्वास्थ्य समस्या के रूप में चुनौती बनकर खड़ा हो गया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जीडीएम या एचआईपी में ग्लाइसेमिक के खराब नियंत्रण होने से एचआईपी से पैदा होने वाली संतानों में मेटाबोलिक सिंड्रोम/एनसीडी के भविष्य में होने का जोखिम रहता है, इसलिए गर्भावस्था के दौरान उत्कृष्ट देखभाल प्रदान करके एनसीडी के बढ़ते बोझ को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए, जो कि फीटो-मैटरनल स्थिति में किसी तरह के नकारात्मक असर को कम करता है।
Join Our WhatsApp Community