सीबीआई ने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट करने के आरोप में 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। निचली अदालत के जजों की शिकायत पर कार्रवाई नहीं होने पर सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा व्यक्त की गई नाराजगी के बाद सीबीआई ने दो दिन में यह गिरफ्तारी की है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने धनबाद के जज उत्तम आनंद की मौत पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई की थी। इस दौरान उन्होंने यह टिप्पणी की थी। सीबीआई को नोटिस जारी करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि जांच एजेंसी बिलकुल भी न्यायपालिका की मदद नहीं कर रही है। उनकी इस टिप्पणी के बाद आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के जजों के खिलाफ आपत्तिजनन पोस्ट के आरोप में 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
‘सीबीआई ने कुछ नहीं किया’
मुख्य न्यायधीश ने कहा था,’सीबीआई ने कुछ नहीं किया। हमें उम्मीद थी कि सीबीआई के बर्ताव में कुछ बदलाव आएगा , लेकिन कुछ नहीं बदला। माफ कीजिएगा लेकिन यह स्थिति है। जब जज सीबीआई और आईबी से स्वयं को मिल रही धमकियों की शिकायत कर रहे हैं, वे मदद नहीं करते।’
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एजेंसियों पर की थी टिप्पणी
झारखंड के जिला न्यायाधीश उत्तम आनंद की मॉर्निंग वॉक के समय आटो रिक्शा द्वारा टक्कर मार देने से 28 जुलाई को मौत हो गई, लेकिन सीसीटीवी फूटेज सामने आने के बावजूद इसमें साजिश की आशंका जताई गई। इस बारे में सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि जब हाई प्रोफाइल लोगों के पक्ष में अनुकूल आदेश पारित नहीं किए जाते हैं तो ऐसी स्थिति में न्यायपालिका को बदनाम करने का एक नया चलन बन गया है। आईबी और सीबीआई न्यायपालिका की बिलकुल भी मदद नहीं कर रहे हैं। जब जज शिकायत करते हैं तो उन्हें कोई जवाब नहीं दिया जाता।