देश में कम होते कोरोना के बीच केरल में संक्रमण बढ़ने का एक बड़ा कारण धार्मिक आयोजन को बताया जा रहा है। सरकार के जीनोम सिक्वेसिंग मॉनिटरिंग एजेंसी आईएनएसएसीओजी के निदेशकों में से एक अनुराग अग्रवाल ने यह बात स्वीकार किया है कि अगर केरल में बकरीद के अवसर पर भीड़ जुटने से रोका जा सकता था, तो वहां संक्रमण इतनी तेजी से नहीं बढ़ता।
बता दें कि केरल सरकार द्वारा बकरीद के अवसर पर प्रतिबंधों में तीन दिन की ढील दी गई थी। इसे लेकर पिनराई विजयन सरकार को आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा था। यहां तक कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस मामले में केरल सरकार को फटकार लगाई थी। सरकार ने बकरीद के अवसर पर 19 से 21 जुलाई तक प्रतिबंधों मे छूट दी थी।
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गलत था निर्णय
अनुराग अग्रवाल ने बताया कि बकरीद के अवसर पर कोरोना के प्रतिबंधों में ढील देने का निर्णय गलत था और केरल सरकार को केवल जरुरी सेवाओं में ही छूट देनी चाहिए थी। अग्रवाल ने कहा कि अगर केरल में बकरीद पर भीड़ जुटने से रोका जाता तो संक्रमण के मामले 13 हजार से 20 हजार तक नहीं पहुंचते। उन्होंने बताया कि राज्य के कोरोना नमूनों की जीनोम सिक्वेसिंग से पता चलता है कि 90 प्रतिशत मामले डेल्टा वैरिएंट के हैं। अग्रवाल ने कहा देश में कोरोना की तीसरी लहर सितंबर से अक्टूर के बीच आ सकती है, हालांकि कोरोना की दूसरी लहर अभी भी खत्म नहीं हुई है।