राज्य विधान सभा ने एक बड़ा निर्णय लिया है जिसके अंतर्गत मामू, पप्पू, मिस्टर बंटाधार, वेंटिलेटर जैसे 1500 शब्दों का संबोधन अब मध्य प्रदेश विधान सभा में मान्य नहीं होगा। विधायक इन शब्दों का प्रयोग नहीं कर पाएंगे क्योंकि विधान सभा अध्यक्ष ने इस शब्दों को असंसदीय शब्दों (गंदी बात) की सूची में डाल दिया है।
विधान सभा की कार्यवाही में यदि कोई सदस्य असंसदीय शब्दों का प्रयोग करता है तो उसे सदन का कार्यवाही में शामिल नहीं किया जाएगा। इसके लिए कुल 1500 शब्दों की सूची बनाई गई है। परंतु, आश्चर्य तो ऐसे शब्दों पर है जिनका सामान्य बोलचाल की भाषा या वर्तमान के कोरोना संक्रमण की परिस्थिति में उनका उपयोग किया जाना आवश्यक हो जाता है। जैसे वेटिंलेटर आदि…
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ये सूची में है गंदी बात
मध्य प्रदेश में जिन शब्दों को प्रतिबंधित किया गया है, उसमें निन्मलिखित शब्द हैं…
- मामू – मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के लिए विपक्ष करता है प्रयोग
- फेंकू – प्रधानमंत्री को इंगित करने के लिए उपयोग किया जाना वाला शब्द
- पप्पू – राहुल गांधी पर कटाक्ष के लिए होता उपयोग
- मिस्टर बंटाधार – कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के लिए कटाक्ष
- मंद बुद्धि
- झूठा
- चोर
- उचक्का
- 420
- पागल
- बकवास
- भ्रष्ट शैतान
- गंदी सूरत
- धोबी के कुत्ते की तरह
- चोर का भाई चोर
- दुराचारी
- नीच
- डाकू
- बदमाश
- शिखंडी
- यार
इन शब्दों को लेकर कुल 1500 शब्द हैं जिनका प्रयोग किे जाने पर वह विदान सभा की कार्यवाही की हिस्सा नहीं बन पाएगा।
इतिहास से भी निकाले जाएंगे
इन शब्दों के प्रयोग पर जो प्रतिबंध लगाया गया है उसे 1954 से लागू किया गया है। इसके अतंर्गत सचिवालय को 1,161 शब्द प्राप्त हुए हैं जो पूर्व की सदन का कार्यवाही की हिस्सा थे, जिन्हें अब निकाला जाएगा।