राज्यसभा में पेगासस जासूसी कांड समेत कई अन्य मुद्दों पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को कई बार रोकनी पड़ी। अंत में कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इससे पहले राज्यसभा में राज्यों को अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी की सूची बनाने का अधिकार देने वाला विधेयक लगातार छह घंटे तक चर्चा के बाद पारित कर दिया गया।
सदन में जब 127वां संशोधन विधेयक पास करने के लिए प्रशासन की अनुमति से साधारण बीमा कारोबार राष्ट्रीयकरण संशोधन विधेयक पर चर्चा शुरू की गई। इसके बाद हंगामा शुरू हो गया। कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजने की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। लेकिन सरकार ने इस बीच विधेयक को पारित करवा लिया।
सरकार का दावा
सरकार की ओर से दावा किया गया कि विपक्षी सांसदों ने सदन में उपस्थित मार्शलों के साथ मारपीट की। वहीं विपक्ष ने सरकार पर विपक्षी सांसदों के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पहले 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। बाद में बीमा संबंधी विधेयक के पारित होने के बाद सदन की कार्यवाही को आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया। हंगामा कर रहे सदस्य सभापति के आसन के बेहद नजदीक पहुंच गए और उन्होंने कागजों के टुकड़े करके हवा में आसन की ओर उछाल दिया।
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शरद पवार ने बताया लोकतंत्र पर हमला
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि राज्यसभा में महिला सांसदों पर जिस तरह से आक्रमण हुए हैं, ऐसा अपने 55 साल के संसदीय करियर में कभी नहीं देखा। 40 से अधिक पुरुषों और महिलाओं को बाहर से सदन में लाया गया। पवार ने कहा कि यह दर्दनाक है। उन्होंने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया।
सदन में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैः खड़गे
उनके साथ ही राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान वहां मौजूद कुछ महिला सुरक्षाकर्मियों ने विपक्ष की महिला सदस्यों के साथ धक्कामुक्की की और उनका अपमान किया। खड़गे ने कहा कि विपक्ष के सदस्य जब विरोध प्रदर्शन के लिए आसन के पास गए तो पुरुष और महिला सुरक्षाकर्मियों का एक घेरा बना दिया जाता है। इस क्रम में उन्होंने विपक्षी महिला सदस्यों के साथ धक्कामुक्की करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सदन मे महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं।
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खड़गे के आरोप का खंडन
संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने खड़गे के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने इसे सत्य से परे बताते हुए विपक्ष पर पलटवार किया और कहा कि विपक्ष के सदस्यों ने महिला सुरक्षाकर्मियों के साथ धक्कामुक्की की।
पीयूष गोयल की जांच की मांग
राज्यसभा में सदन नेता पीयूष गोयल ने मांग रखी कि चेयरमैन को एक स्पेशल कमेटी बनानी चाहिए और राज्यसभा में जिस तरह से हंगामा किया गया है, उसकी जांच होनी चाहिए तथा मामले में कठोर से कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई सदस्य सदन का इस तरह के अपमान न करे।
28 प्रतिशत कामकाज
राज्यसभा सचिवलाय द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार वर्तमान सत्र में मात्र 28 प्रतिशत कामकाज हुआ। इस दौरान सदन में 28 घंटे 21 मिनट कामकाज हुआ और हंगामे के कारण 76 घंटे 26 मिनट का कामकाज बाधित हुआ।