मुंबई भारत की आर्थिक राजधानी है। विश्व स्तर पर इस शहर का महत्व है, लेकिन इसे लेकर चौंकाने वाली खबर है। अमेरिका स्थित वैज्ञानिको की संस्था नासा ने कहा है कि अगले कुछ सालों में मुंबई समुद्र में समा जाएगी। उसने यह भविष्यवाणी काफी स्टडी और रिसर्च के बाद की है।
आईपीसीसी की एक रिपोर्ट पर आधारित नासा ने कहा है कि अगले कुछ वर्षों में समुद्र के जल स्तर में वृद्धि के कारण मुंबई सहित देश के पूर्वी और पश्चिमी तट पर स्थित 12 प्रमुख शहर जलमग्न हो सकते हैं।
रिपोर्ट में क्या है?
दुनिया भर में बढ़ते समुद्र के जल स्तर के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन का विश्लेषण करने के लिए गठित इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) द्वारा यह रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट में आने वाले दशकों में मनुष्यों की मनमानी के कारण जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंता जताई गई है। ग्लोबल क्लाइमेट असेसमेंट रिपोर्ट हर पांच से सात साल में आईपीसीसी द्वारा प्रकाशित की जाती है। यह रिपोर्ट तापमान, पृथ्वी पर बर्फ के आवरण, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और समुद्र के स्तर का अध्ययन करके तैयार की जाती है। 1988 से अब तक छह ऐसे वैश्विक आकलन किए जा चुके हैं।
As communities across the world prepare for the impacts of sea level rise, a new visualization tool provided by @NASAClimate & @IPCC_CH gives users the ability to see what sea levels will look like anywhere for decades to come. Discover more: https://t.co/VAST2xSOyE pic.twitter.com/nePqLntrqv
— NASA (@NASA) August 9, 2021
ये भी पढ़ेंः राज्यसभा में हंगामा और धक्कामुक्की का वीडियो जारी! सामने आया सच
समुद्र का जल स्तर बढ़ने का खतरा
आईपीसीसी डेटा का उपयोग करते हुए, नासा की सी लेवल चेंज टीम ने भविष्य में समुद्र के जल स्तर में वृद्धि के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए एक उपकरण विकसित किया है। यह समुद्र के जल स्तर की भविष्यवाणी करने के लिए उपग्रहों से प्राप्त जानकारी का उपयोग करता है। रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई समेत भारत के 12 शहरों के 21वीं सदी के अंत तक जलमग्न होने की आशंका है।
Released this week, the latest #IPCC #ClimateReport provides new estimates of the chances of crossing the global warming level of 1.5°C in the next decades.
Read more ➡️ https://t.co/uU8bb4zYt9 pic.twitter.com/cwdsN4cMt3
— IPCC (@IPCC_CH) August 11, 2021
इन शहरों के लिए खतरा
नासा के अनुसार, कांडला, ओखा, भावनगर, मुंबई, मार्मुगांव, मैंगलोर, कोच्चि, पैरादीप, खिडिरपुर, विशाखापत्तनम, चेन्नई और तूतीकोरिन के पास स्थित समुद्र का जल स्तर बढ़ने की आशंका है। इससे इन शहरों के निचले इलाकों के पूरी तरह जलमग्न होने का खतरा है।
ये भी पढ़ेंः राज्यसभा में हंगामा और मारपीट! क्या होगा एक्शन?
ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन
आईपीसीसी ने अपनी रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि अगर ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन नहीं रोका गया तो अगले दो दशकों में पृथ्वी का तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ सकता है। जलवायु परिवर्तन पर आईपीसीसी की रिपोर्ट में कहा गया है, ” ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को रोकने की जरूरत है, जिसके बिना ग्लोबल वार्मिंग नहीं रुकेगी।”
बढ़ रही हैं प्राकृतिक आपदाएं
जीवाश्म ईंधन पर मनुष्य की निर्भरता बढ़ी है। इसलिए पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ रहा है। परिणामस्वरूप, संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों से सूखा, जंगल की आग और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएं बढ़ रही हैं। आईपीसीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि 21वीं सदी के अंत में वैश्विक तापमान में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है।
Join Our WhatsApp CommunityFindings from the latest #IPCC #ClimateReport released this week:
Unless there are immediate, rapid and large-scale reductions in greenhouse gas emissions, limiting warming to close to 1.5°C or even 2°C will be beyond reach.
Read more ➡️ https://t.co/uU8bb4inBB pic.twitter.com/rUVPIt3fVj
— IPCC (@IPCC_CH) August 12, 2021