पिछले करीब एक महीने से देश के कुछ राज्यों को छोड़कर सभी प्रदेशों में कोरोना संक्रमण से राहत मिल रही है। महाराष्ट्र में भी पहले की अपेक्षा कोरोना संक्रमण काफी कम हुआ है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने 15 अगस्त से राज्य भर में कोरोना प्रतिबंधों में ढील देने का फैसला किया है। साथ ही कोरोना के दोनों टीके लेनेवाले मुंबईकरों को भी मुंबई लोकल में यात्रा करने की अनुमति दे दी है। ऐन मुहर्रम और रक्षा बंधन जैसे त्योहारों से पहले प्रतिबंधों में दी जा रही यह ढील तीसरी लहर का कारण बन सकती है। चिंता की बात यह भी है कि राज्य में डेल्टा प्लस के मरीजों की संख्या 66 पहुंच गई है, जबकि इनमें से 5 की मौत भी हो चुकी है।
टीके की दोनों खुराक लेने वाले भी संक्रमित
केरल और कुछ अन्य राज्यों के साथ ही महाराष्ट्र में भी डेल्टा प्लस के मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस के मरीजों की संख्या अब 66 पहुंच गई है। जलगांव में सबसे ज्यादा 13 मरीज हैं। सबसे अधिक संक्रमण के शिकार 19 से 45 वर्ष के आयु वर्ग के लोग हुए हैं, जबकि महिला और पुरुष रोगियों की संख्या लगभग समान है। इनमें से 10 मरीज वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं। इसलिए चिंता और बढ़ गई है। शेष 31 रोगियों में कोई लक्षण नहीं दिखा।
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इन पांच रोगियों की मौत
जिन पांच मरीजों की मौत हुई है, उनमें से दो रत्नागिरी और एक-एक मुंबई, बीड और रायगढ़ के हैं। रत्नागिरी की 80 वर्षीय महिला डेल्टा प्लस से पीड़ित होने वाली राज्य की पहली मरीज थी, जबकि मुंबई के घाटकोपर में 63 वर्षीय महिला, जिसने टीके की दोनों खुराकें ली थीं, पहली मरीज थीं।
घटे कोरोना के मरीज, बढ़ा डेल्टा प्लस
वर्तमान में महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या नियंत्रण में है, लेकिन डेल्टा प्लस के मरीजों के मिलने से चिंताएं बढ़ गई हैं। राज्य में फिलहाल एक दिन में 5 हजार 861 मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं, जबकि 14 अगस्त को 6,686 नए मरीज पाए गए हैं। 158 लोगों की मौत हुई है।