2001 में अमेरिका ने अफगानिस्तान में तालिबान शासन को उखाड़ फेंका और लोकतांत्रिक रूप से एक नया शासन स्थापित किया, लेकिन 20 साल बाद, वही अमेरिका तालिबान के आतंकवाद से तंग आकर अफगानिस्तान से अपनी सेना बुलाने का फैसला किया। अब एक बार फिर अफगानिस्तान में तालिबान राज है। लेकिन इस बार उसका बदला रुप सामने आ रहा है। उसकी कोशिश है कि वे आतंकावाद के अपने चेहरे को बदलकर जनहित में एक व्यवस्थित सरकार का गठन करें। इस तरह वे अफगानियों के साथ ही विश्व के अन्य देशों का भी दिल जीतना चाहते हैं।
तालिबानी नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा के वफादार सहयोगी वहीदुल्लाह हाशमी ने कहा, “हम लोकतंत्र नहीं, शरिया कानून के तहत अफगानिस्तान पर शासन करेंगे।”
ऐसी होगी तालिबान की हुकूमत
वहीदुल्लाह हाशमी के अनुसार अफगानिस्तान में सत्तारूढ़ परिषद के माध्यम से सत्ता की स्थापना की जाएगी। वहीदुल्लाह हाशमी इस परिषद में पहली पंक्ति के नेता होंगे। परिषद की अध्यक्षता तालिबानी नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा करेंगे। पहली पंक्ति के नेताओं में मौलवी उमर के बेटे मौलवी याकूब, हक्कानी नेता सरजुद्दीन हक्कानी और तालिबान के राजनीतिक सलाहकार अब्दुल गनी बरदार भी मौजूद रहेंगे। हालांकि अभी तक तस्वीर साफ नहीं है।
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धर्म गुरु तय करेंगे महिलाओं के अधिकार
हाशमी ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान में महिलाओं को दिए जाने वाले अधिकार शरिया कानून द्वारा निर्धारित किए जाएंगे। ये अधिकार मुस्लिम नेताओं को दिए जाएंगे और महिलाओं का भविष्य उनके द्वारा लिए गए फैसलों पर निर्भर करेगा।
Senior Taliban commander Waheedullah Hashimi told Reuters that Afghanistan would not be a democracy and the new government may take the form of a ruling council, with the group’s supreme leader Haibatullah Akhundzada in overall charge. Read more https://t.co/a3epM271Ul pic.twitter.com/YIsiOm3pUP
— Reuters Asia (@ReutersAsia) August 19, 2021
सेना पर भी कब्जा
हाशमी ने कहा कि अफगान सेना हथियार डालकर भाग गई। हमने इसे अपने कब्जे में ले लिया है। अब हमारे पास 22 फाइटर जेट और 24 हेलीकॉप्टर हैं। लेकिन हमारे पास पायलट नहीं हैं। हमने पिछले 20 वर्षों में बहुत सारे अफगान सैनिकों को मार डाला है। हाशमी ने कहा, “हम उन पायलटों के संपर्क में हैं, जो देश छोड़कर भाग गए हैं। हम उनसे तालिबान शासन में शामिल होने की अपील कर रहे हैं। उन्हें तुर्की, अमेरिका और जर्मनी में प्रशिक्षित किया गया है। हम अपनी नई सेना बनाने जा रहे हैं।” .