अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबानी नेता अपनी नीतियों में बदलाव का वादा कर रहे हैं। वे कट्टरता छोड़कर उदारता दिखाने और महिलाओं को भी अधिकार देने की बात कर रहे हैं, लेकिन वहां घट रही घटनाएं यह बताने के लिए काफी हैं कि उनकी कथनी और करनी में अंतर है।
दरअस्ल 19 अगस्त को अफगानिस्तान का स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। इसलिए इस दिन अफगानिस्तान के कुछ लोग रैली निकाल रहे थे। लेकिन तालिबानी लड़ाकों ने उन निर्दोष लोगों पर गोलियां बरसा दीं। इस घटना के बाद भगदड़ मच गई। फायरिंग में कई लोगों के मारे जाने की आशंका है, हालांकि इस बारे में अभी तक आधिकारिक जानकारी नहीं मिल पाई है। यह घटना इस बात का एक ताजा उदाहरण है कि उसकी कथनी और करनी में अंतर है।
निर्दोष लोगों पर बरसाईं गोलियां
मिली जानकारी के अनुसार अफगानिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर 19 अगस्त को कुछ लोग असदाबाद शहर में रैली निकाल रहे थे। इसी दौरान देश के झंडा फहराने वाले कुछ लोगों पर तालिबानी लड़ाकों ने फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद वहां भगदड़ मच गई। अभी तक इस घटना में कितने लोग मारे गए हैं और कितने लोग घायल हुए हैं, इस बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है।
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वादे के विपरीत व्यवहार
बता दें कि हाल में ही तालिबान की ओर से अपने विरोधियों समेत सभी लोगों को माफ करने की बात कही गई थी, लेकिन इस तरह की घटनाओं से यह पता चलता है कि खूनखराबे की उसके प्रवृत्ति अभी भी बरकार है। इस बारे में तालिबान की ओर से कोई बयान नहीं जारी किया गया है।
महिलाओं और बच्चों पर की थी फायरिंग
इससे पहले 18 अगस्त को तालिबानी लड़ाकों ने काबुल एयरपोर्ट पर महिलाओं और बच्चों पर भी गोलीबारी की थी। तालिबानी लड़ाकों ने एयरपोर्ट से भीड़ कम करने के लिए फायरिंग की थी।