मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गरीबों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे पांच अशिक्षित डॉक्टरों को गिरफ्तार करने में सफलका प्राप्त की है। महानगरपालिका के स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इनकी गिरफ्तारी के साथ ही एक ऐसे रैकेट का पर्दाफाश किया है, जो वर्षो से लोगों का उपचार कर रहा था। उनके पास मेडिकल की कोई डिग्री या शिक्षा नहीं थी।
गोवंडी के शिवाजी नगर में इन फर्जी डॉक्टरों ने अपना क्लीनिक खोल रखा था और कोरोना महामारी के दौरान इन्होंने लोगों का उपचार किया था। फिलहाल पांचों को पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है।
पिछले कई सालों से कर रहे थे उपचार
गिरफ्तार झोला छाप डॉक्टरों के क्लीनिक के नाम क्षमा,आलिशा, आशिफा, रहमत और मिश्रा क्लीनिक थे। ये क्लिनिक गोवंडी शिवाजी नगर परिसर में स्थित थे। इन डॉक्टरों के पास किसी भी तरह का मेडिकल सर्टिफिकेट नहीं है और न इन्होंने मेडिकल की कोई शिक्षा प्राप्त की है। कंपाउंडर के रूप में काम करने के बाद दसवीं और बारहवीं कक्षा तक पढ़ाई करने वालों ने खुद के क्लीनिक खोल लिए थे और वे पिछले कई सालों से लोगों का उपचार कर रहे थे।
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पुलिस ने की कार्रवाई
पुलिस सूत्रों ने बताया कि कोरोना काल में इन फर्जी डॉक्टरों ने क्षेत्र के नागरिकों का इलाज कर उन्हें खूब लूटा। क्लीनिक चलाने वाले इन फर्जी डॉक्टरों की सूची मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच रूम-6 ने तैयार की थी। मुंबई महानगरपालिका के स्वास्थ्य विभाग की मदद से जानकारी मिलने के बाद 18 अगस्त को डॉ. प्रिया कोली की मदद से क्लिनिक पर छापा मारा गया। पुलिस की अपराध शाखा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के क्लिनिक से एंटीबायोटिक्स, इंजेक्शन और अन्य दवाओं के साथ ही उपचार सामग्रियां जब्त किए जाने के बाद उन्हे सील कर दिया गया।