देश की राजधानी दिल्ली की हवा में इन दिनों जहर घुल गया है। इस वजह से सांसों की अन्य बीमारियों के साथ ही कोरोना संक्रमण का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। यहां की हवा की गुणवत्ता के बारे में इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उसने अब तक सभी रेकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इन दिनों औसत दिल्ली की हवा की गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार दर्ज किया गया है। इसे गंभीर श्रेणी में माना जाता है।
ये हैं मुख्य वजह
- पराली जलाने के मामले में वृद्धि
- निजी वाहनों के उपयोग में वृद्धि
- हवा की गति कम होना
- तापमान में गिरावट
18 राज्यों को एनजीटी का नोटिस
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण( एनजीटी) ने फिलहाल पटाखे जलाने से फैलनेवाला प्रदूषण के मामलों की सुनवाई का दायरा एनसीआर से बढ़ा दिया है। उसने इसके लिए18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया है। इन राज्यों में वायु गुणवत्ता मानक से कमतर है। एनजीटी अध्यक्ष आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह पहले दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को नोटिस जारी कर चुकी है, वहीं ओडिशा और राजस्थान की सरकारें पहले ही पटाखों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने को लेकर अधिसूचना जारी कर चुकी है। इन राज्यों के अलावा महाराष्ट्र समेत मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु आदि कुल 18 राज्यो को नोटिस भेजकर प्रदूषण कम करने की दिशा में कदम उठाने का निर्देश दिया गया है।
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दिवाली के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने उठाए ये कदम
- दिल्ली में सिर्फ ग्रीन पटाखे बनाने, बेचने और इस्तेमाल करने की इजाजत
- दिल्ली सरकार ने शुरू किया एंटी क्रेकर कैंपेन