उत्तराखंड में एक बार फिर बादल फटने से तबाही मच गई है। इस हादसे में नौ लोग लापता हैं तो वहीं कई मकान ध्वस्त हो गए हैं। इसके साथ ही काली नदी का प्रवाह रुक जाने से परेशानी और बढ़ने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ की धारचूला तहसील और नेपाल के गांव में एक साथ 29 अगस्त की रात बादल फट गया। इस कारण क्षेत्र में तबाही मच गई। इस कारण धारचूला तहसील से 12 किलोमीटर दूर स्थित कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग से सटे गांवों का संपर्क टूट गया है। सबसे अधिक तबाही भी इसी गांव में मची है। इस गांव के नौ लोग लापता बताए जा रहे हैं। हादसे के तुरंत बाद रात में ही ग्रामीणों ने सुरक्षित स्थान पर जाकर शरण ली।
बचाव कार्य जारी
फिलहाल एनडीआरएफ, पुलिस और अन्य बचाव दल के जवान तथा अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं और बचाव तथा राहत अभियान शुरू किया गया है। हाइवे समेत सभी पैदल मार्ग बंद होने के कारण वहां पहुंचने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है।
काली नदी में मलबा भरा
नेपाल से संरबगड़ में बादल फटने से आए मलबे से काली नदी का प्रवाह रुक गया है। इसके चलते धोलीगांव जल विद्युत परियोजना के प्रशासनिक कार्यालय और कॉलोनी तक काली नदी का पानी भर गया है। कॉलोनी के रहिवासियों और कर्मचारियों ने पूरी रात दहशत में गुजारी। धारचूला में अंतर्राष्ट्रीय झूला पुल तक पानी पहुंच गया है। रात को एसडीएम और पुलिस ने नदी के किनारे स्थित मकानों में रहने वाले लोगों को सतर्क किया। जुम्मा के खातपोली में दो महिलाएं और जामुनी में 6-7 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
कई नदियों का जल स्तर बढ़ा
बादल फटने से नदियों का जल स्तर काफी बढ़ गया है। जुम्मा गांव के चामी तोक में कई मकान ध्वस्त हो गए हैं। जिलाधिकारी आशीष चौहान ने बादल फटने से आई आपदा के बाद संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की है और उन्हें आवश्यक निर्देश दिए हैं।
पहले भी होते रहे हैं ऐसे हादसे
उत्तराखंड मे इस तरह के हादसे होते ही रहते हैं। खास तौर पर बारिश के मौसम से ऐसे हादसे ज्यादा होते हैं। 11 मई 2021 को भी ऐसा ही हादसा हुआ था।
https://twitter.com/anindasarkar_02/status/1392124682405486598?s=20
7 फरवरी 2021 को भी यहां हुए हादसे में काफी नुकसान हुआ था।
Join Our WhatsApp Communitysnout of the tunnel….#uttrakhand #cloudbrust #ITBP pic.twitter.com/vEXCYIkxjs
— Jitender Bhardwaj (@journo_jitendra) February 7, 2021