भावना गवली शिवसेना से लगातार पांचवी बार सांसद बनी हैं। वे यवतमाल वाशिम लोकसभा सीट से विजयी हुई हैं। इस जीत के साथ ही उन्होंने अपने राजनीतिक दबदबे का परिचय दे दिया। परंतु, अब प्रवर्तन निदेशालय के निशाने पर आने के कारणों की पड़ताल में जो बातें सामने आई हैं वो चौंकाती हैं। क्योंकि, इस सफल नेता को परेशानी में लानेवालों में उनकी अपनी ही पार्टी के लोगों का नाम सामने आया है।
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अपनों ने ही विरोधी बिगुल फूंका
- वाशिम के शिवसेना उपजिला प्रमुख और पूर्व नगरसेवक हरीश चंद्र सारडा ने बॉम्बे हाईकोर्ट में जुलाई 2021 में एक याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने श्री बालाजी सहकारी पार्टिकल कंपनी लिमिटेड में आर्थिक गैर व्यवहार की जांच का आदेश देने की मांग की है। इसमें सांसद भावना गवली पर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अनुदान प्राप्त करने का आरोप लगाया गया है। इस संदर्भ में रिसोड पुलिस ने हरीश चंद्र सारडा की जब शिकायत नहीं ली तो उन्होंने वाशिम के पुलिस अधीक्षक से संपर्क किया। परंतु, वहां से भी कोई कार्रवाई न होता देख उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया। जानकारी के अनुसार यह प्रकरण अभी प्रलंबित है।
- श्री बालाजी सहकारी पार्टिकल कंपनी लिमिटेड को घाटे में बताकर बेचा और इसकी खरीददार थी भावना एग्रोटेक कंपनी। ये दोनों की कंपनियां भावना गवली से संलग्न हैं। श्री बालाजी एग्रोटेक का शिलान्यास शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के हाथों हुआ था।
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भाजपा ने भुनाया मुद्दा
भावना गवली के विरुद्ध भारतीय जनता पार्टी के नेता किरिट सोमैया ने भी जांच की मांग की थी। उन्होंने शिवसेना सांसद के विरुद्ध 100 करोड़ रुपए के घपले का आरोप लगाया है। श्री बालाजी पार्टिकल बोर्ड कंपनी को लेकर यह आरोप थे, जिसमें कंद्रीय एजेंसी के माध्यम से जांच की मांग की गई है।
इन विवादों से भी है नाता
- वर्ष 2021 के गणतंत्र दिवस के दिन वाशिम में जिला नियोजन समिति की बैठक चल रही थी। इसमें शिवसेना सांसद भावना गवली और भाजपा विधायक राजेंद्र पाटनी के बीच विवाद हो गया। इसके बाद राजेंद्र पाटनी ने वाशिम पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।
- भावना गवली ने मई 2020 में कार्यालय से सात करोड़ रुपए चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई थी। इतनी नकदी कहां से आई इस मुद्दे पर भाजपा ने उनके खिलाफ सवाल दागने शुरू कर दिये। भाजपा नेता किरिट सोमैया ने प्रवर्तन निदेशालय में जांच के लिए लिखित शिकायत भी दर्ज कराई थी।
- भावना गवली और यवतमाल के दिग्रस से विधायक संजय राठोड के बीच अनबन नई नहीं हैं। भावना गवली ने संजय राठोड को टिकट दिये जाने का जबरदस्त विरोध किया था, इसके बाद जब राठोड को कैबिनेट मंत्री बनाए जाने का निर्णय हुआ तो एक बार फिर शिवसेना सांसद भावना गवली सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी जाहिर की।
हैं ‘वन वुमेन आर्मी’
विदर्भ की राजनीति में भावना गवली को शिवसेना की शक्ति के रूप में देखा जाता है। उन्होंने कम आयु में ही राजनीतिक सफर शुरू कर दिया था। 24 वर्ष की आयु में 1999 में उन्होंने लोकसभा में प्रवेश किया। इसके बाद वे 2004, 2009, 2014 और 2019 में सतत विजयी रही हैं।
पिता पुंडलिकराव गवली की सबसे छोटी पुत्री हैं भावना गवली। 1999 में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार अनंतराव देशमुख को पराजित किया था। इसके बाद वे लगातार विजयी रहीं और यवतमाल वाशिम की राजनीति में उन्हें ‘वन वुमेन आर्मी’ के रूप में पहचाना जाता है।
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