केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की जन आशीर्वाद यात्रा के बाद सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि देवगढ़ नगर परिषद के पार्षद शिवसेना में शामिल हो गए हैं। हालांकि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की उपस्थिति में 2 सितंबर को शिवसेना में शामिल हुए पार्षद 22 जुलाई को ही पालक मंत्री उदय सामंत की मौजूदगी में शिवसेना में शामिल हो गए थे। यह दावा करते हुए भारतीय जनता पार्टी विधायक नितेश राणे ने कहा कि वे नारायण राणे की जन आशीर्वाद यात्रा से पहले ही शिवसेना में शामिल हो गए थे।
ये ऐसा क्यों है?
अब राणे समर्थक पूछ रहे हैं कि नारायण राणे की जन आशीर्वाद यात्रा के बाद पार्षद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में दोबारा शिवसेना में क्यों शामिल हुए। बता दें कि 2 सितंबर को देवगढ़ नगर परिषद के पार्षद प्रज्ञा ठाकुर और प्रकाश कोयंडे मुख्यमंत्री की उपस्थिति में शिवसेना में शामिल हो गए। मुख्यमंत्री के मुंबई स्थित सरकारी आवास वर्षा में सिंधुदुर्ग के पालक मंत्री तथा उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत और विधायक वैभव नाइक की उपस्थिति में भाजपा पार्षद शिवसेना में शामिल हुए। हालांकि ये पहले ही पार्टी में एंट्री ले चुके थे।
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वैभव नाइक की पोस्ट वायरल
शिवसेना विधायक वैभव नाइक ने 22 जुलाई को देवगढ़ में अपने फेसबुक पेज पर पार्षदों के साथ फोटो शेयर करते हुए लिखा था कि देवगढ़ में नारायण राणे और नितेश राणे को सबक सिखाया गया है। लेकिन अब सवाल यह है कि पार्टी फिर से इनकी एंट्री क्यों कर रही है?
नितेश राणे ने कहा, ये है सिरफिरों का जमघट
इसे लेकर भाजपा विधायक नितेश राणे ने शिवसेना की कड़ी आलोचना की है। नितेश राणे ने ट्वीट किया है कि वह अपने ही पार्षद को मुख्यमंत्री के पास ले गए और अपने ही मुख्यमंत्री तथा पार्टी प्रमुख को उल्लू बना दिया।
Join Our WhatsApp Communityआपलेच नगरसेवक मुख्यमंत्र्यांकडे घेऊन जायचे आणि फोडले म्हणून उगाच कॉलर वर करून.. आपल्याच मुख्यमंत्री आणि पक्षप्रमुखाला वेड बनवायच..
यालाच म्हणतात "येड्यांची जत्रा" !! @CMOMaharashtra @uddhavthackeray— nitesh rane (@NiteshNRane) September 2, 2021