अपने आईपीएस करयिर के तैंतीस वर्ष अपराधियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करनेवाले परमबीर सिंह पर अब गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए धन उगाही के आरोप की जांच के लिए सेवा निवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित आयोग ने परमबीर सिंह के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
राज्य के तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख पर पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने सौ करोड़ रुपए की धन उगाही कराने के लिए अधिकारियों पर दबाव बनाने का आरोप लगाया था। इस आरोप की जांच के लिए राज्य सरकार ने सेवा निवृत्त न्यायाधीश केयू चांदीवाल की अध्यक्षता में एक जांच आयोग गठित किया है। इस आयोग के समक्ष परमबीर सिंह को पेश होना था, जिसमें परमबीर सिंह असफल रहे हैं। गिरफ्तारी वारंट जारी होने के साथ अब एक बड़ा प्रश्न यह है कि महाराष्ट्र पुलिस के सर्विंग अधिकारी परमबीर सिंह क्या गिरफ्तार होंगे? यदि वे गिरफ्तार होते हैं तो यह राज्य में बड़ी घटना होगी, जब ऐसे किसी प्रकरण में सर्विंग आईपीएस अधिकारी की गिरफ्तारी हो रही है।
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लटक गए परमबीर सिंह
परमबीर सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए जांच आयोग ने पुलिस महासंचालक को इस प्रकरण में अगली कार्रवाई के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी की नियुक्ति के निर्देश भी दिये हैं। इस प्रकरण में अब परमबीर सिंह को आयोग के समक्ष पेश होकर जमानत प्राप्त करना होगा। इस बीच न्यायमूर्ति चांदीवाल आयोग की जांच को परमबीर सिंह ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।
पहले लगाया था अर्थ दंड
परमबीर सिंह लगातार सुनवाई में गैरहाजिर रहे हैं। पहली सुनवाई में पेश न होने पर पांच हजार रुपए का अर्थ दंड लगाया था। इसके बाद जब दूसरी बार वे गैरहाजिर रहे तो 25 हजार रुपए का अर्थ दंड लगाया। इस प्रकरण में अब अगली सुनवाई 22 सितंबर को होनी है।