2021 के पहले आठ महीनों में महिलाओं के खिलाफ अपराध की संख्या में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 46 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय महिला आयोग के अनुसार इनमें से आधी शिकायतें उत्तर प्रदेश से हैं।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बताया कि महिला आयोग द्वारा लगातार चलाए जा रहे जागरूकता अभियान से शिकायतों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। महिलाएं अब अपने साथ हो रहे अन्याय और उत्पीड़न के बारे में अधिक जागरूक हैं।
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आंकड़ों से जानिये सच्चाई
राष्ट्रीय महिला आयोग को इस वर्ष जनवरी से अगस्त तक 19,953 शिकायतें मिली थीं, जबकि 2020 में यह संख्या 13,618 थी। जुलाई में 3248 शिकायतें मिलीं, जो जून 2015 के बाद सबसे ज्यादा हैं। 19953 शिकायतों में से, 7036 गरिमापूर्ण से जीवन जीने को लेकर थीं और 4298 घरेलू हिंसा से संबंधित थीं। विवाहित महिलाओं को दहेज के लिए प्रताड़ित करने की 2923 शिकायतें थीं। गरिमापूर्ण जीवन जीने की धारा में मानसिक उत्पीड़न शामिल है।
- छेड़छाड़ की 1116 और दुष्कर्म की 1022 शिकायतें मिली हैं। साइबर अपराध की 585 शिकायतें हैं।
- उत्तर प्रदेश से 10084, दिल्ली से 2147, हरियाणा से 995 और महाराष्ट्र से 974 शिकायतें आईं।
- महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि यह वृद्धि महिलाओं में उत्पीड़न के बारे में जागरूकता के कारण हुई है।
यह अच्छा संकेत
आकांक्षा फाउंडेशन की आकांक्षा श्रीवास्तव ने कहा कि साइबर अपराध की जानकारी और महिला शिक्षा में वृद्धि से भी शिकायतों में वृद्धि हुई है। यह एक अच्छा संकेत है कि ये शिकायतें बढ़ रही हैं क्योंकि महिलाओं में उत्पीड़न और अन्य मुद्दों के बारे में बोलने का साहस बढ़ रहा है, जो उन्हें सशक्त बनाएगा।