मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास विस्फोटक लदी एसयूवी खड़ी करने के प्रकरण में एनआईए के आरोप पत्र से बड़ा खुलासा हुआ है। इस प्रकरण में एक पत्र आतंकी संगठन के नाम सोशल मीडिया के माध्यम से पुलिस को भेजा गया था, यह एक षड्यंत्र था, जिसकी पोल एनआईए ने खोल दी है। इसमें तत्कालीन मुंबई पुलिस आयुक्त की भूमिका सामने आई है। इससे अब कयास लगने शुरू हो गए हैं कि इस मामले में पूर्व पुलिस आयुक्त को गिरफ्तार किया जा सकता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार एनआईए द्वारा दायर आरोप पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि, एंटीलिया के पास विस्फोटक लदी एसयूवी खड़ी करने के पीछे आतंकी संगठन का हाथ है, यह बताने के लिए ‘जैश उल हिंद’ नामक आतंकी सगठन का पत्र बनाया गया था। इस कार्य में तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की संलिप्तता का खुलासा किया गया है।
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साइबर विशेषज्ञ को दिये थे पैसे
‘जैश उल हिंद’ नामक आतंकी सगठन का पत्र एक साइबर विशेषज्ञ से बनवाया गया था। आरोप है कि इसके लिए परमबीर सिंह ने पांच लाख रुपए दिये थे। ये पत्र टेलीग्राम नामक सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल किया गया था। इस षड्यंत्र का भंडाफोड़ते हुए नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेन्सी ने पत्र बनानेवाले साइबर विशेषज्ञ का बयान दर्ज किया है। यह बयान भी आरोप पत्र के साथ संलग्न है। एनआईए के अनुसार इस षड्यंत्र के पीछे उद्देश्य था उद्योगपति मुकेश अंबानी से पैसा उगाहना। इसका साजिशकर्ता सचिन वाझे था।
ऐसी है कहानी
दक्षिण मुंबई के अल्टामाउंट रोड पर स्थित है 27 मंजिलों वाली एंटीलिया इमारत। इस इमारत के पास 25 फरवरी, 2021 एक विस्फोटक लदी एसयूवी खड़ी मिली थी। वहां से प्राप्त सीसीटीवी के अनुसार उस स्थान पर दो गाड़ियां आई थीं, एक स्कॉर्पियो और दूसरी इनोवा थी। स्कॉर्पियो में एक शख्स बैठा था, जो एंटीलिया के पास पहुंचकर इसे किनारे में खड़ा कर दिया और उसमें से उतरकर आगे खड़ी इनोवा में बैठकर चला गया। जानकारी के अनुसार स्कॉर्पियो की सीट से एक पत्र भी बरामद हुआ था, जिसमें अंबानी परिवार को धमकी दी गई थी।