9 सितंबर को 13वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। कोरोन महामारी के कारण इसे डिजिटली आयोजित किया गया था। ब्रिक्स देशों में ब्राजील, भारत, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। इस बैठक में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने भी भाग लिया।
पीएम मोदी ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहाः
पीएम मोदी ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि ब्रिक्स देशों ने पिछले 15 वर्षों में अच्छा प्रदर्शन किया है। आज हम दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक प्रभावशाली आवाज हैं। यह मंच विकासशील देशों की प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करने में सहायक रहा है। अगले 15 वर्षों में ब्रिक्स का अधिक महत्व होना निश्चित है। पहली बार, ब्रिक्स ने ‘आतंकवाद विरोधी कार्य योजना’ को अपनाया है।
रुसि राष्ट्रपति ने अफगानिस्ता पर कही ये बात
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अफगानिस्तान का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा “अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के साथ नई चुनौतियां पैदा हुई हैं। यह वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा को कैसे प्रभावित करेगा, अभी तक स्पष्ट नहीं है। यह अच्छी बात है कि हमारे देश इस मुद्दे पर ध्यान दे रहे हैं। अफगानिस्तान को पड़ोसी देशों के लिए खतरा नहीं बनना चाहिए। उसकी जमीन का उपयोग आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी के लिए नहीं किया जाना चाहिए।”
ये भी पढ़ेंः मुंबई में 144… जानें गणपति दर्शन पर पुलिस का आदेश
इन देशों ने लिया हिस्सा
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्राजील के राष्ट्रपति जैरे बोल्सोनारो, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया।