31 हजार गड्ढे भरने के दावे के बावजूद मुंबई की सड़कों का ऐसा हाल!

मुंबई मनपा प्रशासन ने पिछले पांच माह में 31,398 गड्ढे भरने का दावा किया है। इसमें 22 हजार 897 गड्ढों को महानगरपालिका के नियमित कर्मचारियों द्वारा भरा गया है, जबकि 8 हजार 501 को नियुक्त ठेकेदारों ने भरा है।

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मुंबई की कई सड़कें गड्ढों से भरी हैं और लोग इन गड्ढों से बचकर यात्रा करने के लिए मजबूर हैं। प्रशासन ने पिछले पांच माह में 31,398 गड्ढे भरने का दावा किया है। इसमें 22 हजार 897 गड्ढों को महानगरपालिका के नियमित कर्मचारियों द्वारा भरा गया है, जबकि 8 हजार 501 गड्ढों को नियुक्त ठेकेदारों ने भरा है। दावे भले ही बड़े हों, लेकिन सच्चाई सड़कें खुद ही बयान कर रही हैं।

प्रति वर्ष 48 करोड़ रुपए खर्च
मनपा के वर्ली डामर प्लांट में बनने वाले कोल मिक्स की आपूर्ति मनपा के 24 प्रशासनिक विभागों को मांग के अनुरूप की जा रही है। मनपा ने भी निवारक उपायों और गड्ढों को भरने के लिए निविदाएं आमंत्रित कर ठेकेदारों की नियुक्ति की है। यह अनुबंध दो साल के लिए है। प्रत्येक विभागीय कार्यालय को प्रतिवर्ष 2 करोड़ रुपये की धनराशि भी उपलब्ध कराई गई है। इसमें से 1.5 करोड़ रुपये निवारक उपायों के लिए और शेष 50 लाख रुपये गड्ढों को भरने के लिए निर्धारित किए गए हैं। इस तरह 24 विभागों में प्रति वर्ष 48 करोड़ रुपये व्यय करने का प्रस्ताव है।

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भरे गए इतने गड्ढे
विभागीय कार्यालय में उपलब्ध जानकारी के अनुसार बीएमसी के नियमित कर्मियों द्वारा अब तक 22 हजार 897 गड्ढों को भरा जा चुका है। इन गड्ढों का कुल क्षेत्रफल 49 हजार 919 वर्ग मीटर है। साथ ही गड्ढों को भरने के लिए नियुक्त ठेकेदार द्वारा 24 प्रशासनिक विभाग कार्यालयों की सीमा के भीतर 8 हजार 501 गड्ढों को भरा गया है। इन गड्ढों का कुल क्षेत्रफल 1 लाख 06 हजार 985 वर्ग मीटर है। फॉल्ट लायबिलिटी अवधि के दौरान परियोजना की सड़कों और उस पर बने गड्ढों को भरने का कार्य संबंधित ठेकेदारों द्वारा नि:शुल्क किया गया है।

जांच की मांग
भारतीय जनता पार्टी के नगरसेवक विनोद मिश्रा ने इस बारे में अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि श्री गणेश का आगमन हो चुका है लेकिन अब भी एसवी रोड, लिंक रोड, एक्सप्रेस-वे और अंदर की सड़कों पर काफी गड्ढे हैं। महापौर और मनपा आयुक्त सड़क को गड्ढा मुक्त करने का दावा कर रहे हैं, लेकिन उनके दावे में दम नहीं है। गड्ढों को भरने पर पिछले तीन महीने में 350 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इसमें भी बहुत भ्रष्टाचार हुआ है। गड्ढों को नहीं भरा गया तो पैसे किसको मिले? मिश्रा ने इसे गंभीर मामला बताते हुए जांच की मांग की है।

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